तेल अवीव । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा की जंग खत्म होने का ऐलान किया है। वह इजरायल में हैं और वहां संसद को संबोधित किया। सीजफायर के तहत हमास ने इजरायल के 20 जिंदा कैदियों को रिहा कर दिया है। इसके जवाब में इज़राइल भी सैकड़ों फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करने की तैयारी में है। इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ट्रंप की जमकर तारीफ की और कहा कि उनके सत्ता में आने के बाद ही सीजफायर हुआ। ट्रंप ने दावा किया कि अब तक उन्होंने आठ युद्धों को रोकने में सफलता पाई है।
ट्रंप ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच चल रही जंग को भी रोकने की इच्छा जताई। उन्होंने कहा कि वह मध्य पूर्व दौरे से लौटने तक इंतजार करेंगे, और यदि स्थिति नहीं सुधरी तो कोई कदम उठाएंगे। उनका कहना था कि उन्होंने पहले भी युद्ध रोकने का अनुभव हासिल किया है।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हालात गंभीर बने हुए हैं। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, जिसके जवाब में अफगानिस्तान ने पाकिस्तान में हमला किया। इन हमलों में 23 पाकिस्तानी सैनिक और 9 अफगानी सैनिक मारे गए। दोनों देशों के बीच लगभग 2600 किलोमीटर लंबी सीमा है, जिससे तनाव का क्षेत्रीय असर बढ़ सकता है।
बीते सप्ताह पाकिस्तान ने काबुल में हमले किए थे और दावा किया कि उसका लक्ष्य पाकिस्तानी तालिबान (टीटीपी) था। अफगानिस्तान ने इसे अपनी संप्रभुता के खिलाफ माना और जवाबी कार्रवाई की। टीटीपी को अफगान तालिबान से जुड़ा माना जाता है और दोनों ही पख्तून नस्ल के हैं। पाकिस्तान का आरोप है कि अफगान तालिबान टीटीपी को संरक्षण दे रहा है।
गाजा में सीजफायर ने तनाव को कम किया है, लेकिन दक्षिण और मध्य एशिया में पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बीच स्थिति अभी भी अस्थिर बनी हुई है। ट्रंप की शांति पहल सकारात्मक है, लेकिन क्षेत्रीय स्थिरता के लिए चुनौतियां बरकरार हैं।
कुल मिलाकर, गाजा में युद्ध विराम ने शांति का रास्ता खोला है, जबकि पाकिस्तान और अफगानिस्तान में जंग की घटनाएं चिंता बढ़ा रही हैं। ट्रंप की कोशिशें युद्ध रोकने की दिशा में हैं, लेकिन स्थायी समाधान अभी दूर नजर आ रहा है।
