भोपाल । मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में 21 अक्टूबर को गोवर्धन पर्व लोक अनुष्ठान और सांस्कृतिक परंपराओं के अनुसार मनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि आयोजन में गौशालाओं और पशुपालकों को विशेष रूप से सहभागी बनाया जाए। इसके साथ ही गोवर्धन पर्व पर पशुपालन और दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में विशेष उपलब्धियां दर्ज करने वाले उद्यमियों को सम्मानित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव यह जानकारी सोमवार को मंत्रालय में आयोजित गोवर्धन पर्व आयोजन बैठक को संबोधित करते हुए दी। इस बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में बताया गया कि प्रदेश की गौ-शालाओं में सामुदायिक आयोजन होंगे। वहीं, मुख्य आयोजन रवीन्द्र भवन भोपाल में किया जाएगा, जिसमें गोवर्धन पूजन, परिक्रमा और अन्नकूट भोग का मुख्य कार्यक्रम होगा। इस अवसर पर पशुचारक समुदायों की कला, बरेदी और ठाट्या नृत्य का भी प्रस्तुतीकरण किया जाएगा।
गोवर्धन पर्व के दौरान जैविक उत्पादक, दुग्ध उत्पादक और गोबर आधारित शिल्प के स्टॉल लगाए जाएंगे। इसके अलावा, पशुपालन, कृषि और सहकारिता विभाग की योजनाओं की जानकारी देने के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी। मुख्यमंत्री ने ग्रामीण आजीविका के लिए दुग्ध उत्पादन और वृंदावन ग्राम योजना के विस्तार के लिए भी गतिविधियों के संचालन पर जोर दिया।
प्रदेश के सभी जिलों में गोवर्धन पर्व पर विशेष गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। आंगनवाड़ी केंद्रों में पंचगव्य उत्पाद जैसे घी, दूध, पनीर और दही से बनी सामग्री का वितरण भी किया जाएगा। इससे ग्रामीण समुदायों और पशुपालकों को सीधे लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह पर्व केवल धार्मिक उत्सव नहीं है, बल्कि यह पशुपालन, कृषि और ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा देने का भी अवसर है। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे समय पर तैयारियों को पूरा करें और आयोजन सुचारू रूप से संपन्न हो।
गोवर्धन पर्व के दौरान आयोजित गतिविधियां न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व की होंगी, बल्कि स्थानीय उत्पादों और ग्रामीण नवाचारों को भी प्रदर्शित किया जाएगा। इससे प्रदेश के पशुपालन और दुग्ध उत्पादन क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा मिलेगा और ग्रामीण समुदायों के जीवन स्तर में सुधार होगा।
