काबुल। भारत ने मंगलवार को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में अपने तकनीकी मिशन को अब आधिकारिक रूप से दूतावास का दर्जा दे दिया है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह कदम अफगानिस्तान में भारत की मानवीय सहायता, क्षमता निर्माण और समग्र विकास में भूमिका को और मजबूत करेगा।
दूतावास का नेतृत्व एक वरिष्ठ राजनयिक करेंगे, जिन्हें चार्ज डी’अफेयर्स के रूप में नियुक्त किया जाएगा। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 10 अक्टूबर को अफगान विदेश मंत्री आमिर मुत्तकी के साथ नई दिल्ली में द्विपक्षीय मुलाकात के दौरान इस कदम की घोषणा की थी।
साल 2022 से भारत काबुल में तकनीकी मिशन चला रहा था, लेकिन अब दूतावास की वापसी से भारत-तालिबान संबंध नई शुरुआत करेंगे। इस कदम के बाद यह सवाल उठ रहा है कि क्या भारत तालिबान सरकार को आधिकारिक रूप से मान्यता देगा।
अफगानिस्तान ने भारत पर आरोपों को खारिज किया
अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री मौलवी मोहम्मद याकूब मुजाहिद ने हाल ही में पाकिस्तान द्वारा लगाए गए आरोपों को पूरी तरह बेबुनियाद बताया। पाकिस्तान ने दावा किया था कि अफगान-तालिबान लड़ाकों ने सीमा पर भारत के सहयोग से हमला किया।
याकूब ने स्पष्ट किया:
“अफगानिस्तान ने कभी किसी दूसरे देश को अपनी जमीन का इस्तेमाल नहीं करने दिया है। हम एक स्वतंत्र देश हैं और भारत व पाकिस्तान से हमारे रिश्ते सिर्फ राष्ट्रीय हितों के आधार पर तय होते हैं।”
बीते दिनों 11 अक्टूबर को काबुल में हुए धमाकों के बाद अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा पर हिंसा भड़की थी। उस समय तालिबान के विदेश मंत्री मुत्तकी भारत दौरे पर थे। इसके तुरंत बाद सीमा पर हमले हुए, जिस पर पाकिस्तान ने भारत को जिम्मेदार ठहराया।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और बयानबाजी
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि भारत तालिबान की लीडरशिप के “सहयोगी” हैं।
पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर ने 18 अक्टूबर को कहा कि भारत पाकिस्तान में आतंक फैला रहा है और दोनों देशों में जंग की स्थिति पर चेतावनी दी। उन्होंने कहा:
“परमाणु शक्ति वाले माहौल में जंग की कोई जगह नहीं। अगर कोई हमला होगा, तो हमारा जवाब उम्मीद से कहीं अधिक होगा।”
भारत ने पाकिस्तान के आरोपों को सख्त तौर पर खारिज किया और कहा कि यह पुरानी आदत है कि पाकिस्तान अपनी आंतरिक नाकामियों का दोष पड़ोसी देशों पर डालता है।
संक्षेप में, काबुल में भारतीय दूतावास का पुनः स्थापना भारत-तालिबान संबंधों में नए अध्याय की शुरुआत है। वहीं, पाकिस्तान लगातार आरोप और बयानबाजी कर रहा है, जिससे क्षेत्रीय तनाव और भू-राजनीतिक चर्चा बनी हुई है।
