चित्रकूट- 23 अक्टूम्बर । विगत वर्षो की भांति इस वर्ष भी मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग, जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास एवं तुलसी शोध संस्थान चित्रकूट के द्वारा चार दिवसीय ‘‘तुलसी उत्सव-रघुनाथ गाथा’’ समारोह 18 से 21 अक्टूबर 2025 तक तुलसी मंच प्रमोदवन में प्रारम्भ हुआ जिसमें दीप प्रज्जवलन तथा तुलसीदास जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण मगंला चरण के द्वारा तुलसीदास जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण मगंला चरण के द्वारा शुभारम्भ किया गया। मुख्य अतिथि अभय महाजन संगठन सचिव दीनदयाल शोध संस्थान सारस्वत अतिथि रामहृदय दास जी महाराज कार्यक्रम का संयोजन प्रो. अवधेश प्रसाद पाण्डेय पूर्व निदेशक तुलसी शोध संस्थान तथा वर्तमान निदेशक डाॅ. मन्जूषा राजस जौहरी के द्वारा विषय प्रवर्तन तथा अतिथियों का स्वागत किया गया। मुख्य अतिथि श्री अभय महाजन जी ने चित्रकूट में दीपोत्सव के महत्व पर सामजिक समरसता तथा सनातन संस्कृति महत्व पर प्रकाश डाला, सांस्वत अतिथि रामहृदय दास जी भगवान श्रीराम के चित्रकूट रहने के दौरान विभिन्न घटनाओं का तथा राम जी के मर्यादा स्वरूप का वर्णन किया। डाॅ. प्रमिला मिश्रा के द्वारा व्याख्यान दिया गया तथा रीवा से पधारे डाॅ. नलिन दुबे द्वारा दण्डकारण्य मे श्रीराम विषय पर व्याख्यान दिया इसके पश्चात सुश्री नीलांगी कलात्रे द्वारा लीला प्रस्तुति की गई अंत में प्रोफेसर अवधेश प्रसाद पाण्डेय द्वारा कार्यक्रम के महत्व एवं चित्रकूट की महिमा, श्रीराम के आदर्श स्वरूप का विवेचन किया। भैरवदास जी महाराज ने मगंलाचरण प्रस्तुत किया। श्रीरामलीला विश्व प्रसिद्ध खजुरीताल से श्री रामभूषण दास जी महाराज द्वारा स्थापित रामलीला कमेटी जिसका वर्तमान संचालन महन्त श्री गुरूप्रसन्न दास जी महाराज द्वारा संचालित हो रहा है।
कार्यक्रम की शुरुआत डाॅ. राम नारायण त्रिपाठी द्वारा ‘बनवासी श्रीराम’ विषय पर व्याख्यान से हुई तत्पश्चात प्रांतीय कलाकार संघ रीवा द्वारा श्रीराम जी के जीवन पर आधारित सुन्दर भक्ति संगीत भजन प्रस्तुत किया गया तथा ओरछाधीश सेवा समिति ओरछा द्वारा श्रीमती नीलम सिंह के साथ राघव सिंह द्वारा विनय पत्रिका के कई पद संगीत के साथ प्रस्तुत किये गये, पूर्व जिला जज अरूण जी ने कहा सरलता सहजता पवित्र मन निष्कपट हृदय द्वारा ही भक्ति की जा सकती है। तथा ईश्वर से साक्षात्कार हो सकता है। इसके पश्चात पं. अभय माणके इन्दौर के द्वारा जो राष्ट्रीयस्तर के गीतकार संगीतज्ञ हैं संगीतमयी गीतरामायण प्रस्तुत किया गया, पश्चात् पुष्प् वाटिका, लक्ष्मण – परशुराम संवाद और श्रीराम विवाह की सुन्दर रामलीला संपन्न हुई ।
अगले दिन रामलीला में कैकेई मंथरा संवाद, श्रीराम वन गमन, केवट प्रसंग, भरतमिलाप का मंचन किया गया। उसके बाद काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डाॅ. नवलकिशोर मिश्रा ने वर्ममान समय में श्री राम के आदर्श की प्रासंगिकता विषय पर व्याख्यान दिया और उन्होने भारतीय समाज को श्रीराम के आदर्शो पर चलने का आवाहन किया राम राज्य की स्थापन किसी सरकारी तन्त्र के द्वारा नही हो सकती भारतीय जन मानस राम जी के आदर्शो को जब अपने जीवन में आचरण में धारण करेगा तभी रामराज्य फलीभूत होगा रामजी और भरत जी के प्रेम के कई उदाहरणों को प्रस्तुत करते हुये सभी से सकंल्प लने को कहा कि अपने भाइयों के बीच मतभेद-विवाद समाप्त करने का संकल्प ले। इसके पश्चात् स्नेहा मिश्रा और उनकी टीम मऊगंज द्वारा ‘‘बघेली लोक गीत में श्रीराम’’ गई लोक गीत प्रस्तुत किये गये। इसके पश्चात् अखाडा परिषद् के राष्ट्रीय कोतवाल महंत भैरवदास जी महाराज द्वारा चित्रकूअ महिमा आत्मा-परमात्मा मिलन, मायारूपी ठगिनी विषय पर कई हृदय स्पर्शी भजन प्रस्तुत किये गये।
अतिथियों संतो एवं कर्मचरियों द्वारा दीपोत्सव मनाया गया-
अगले दिन रामलीला के लंकादहन विभीषण सरनागति एवं अंगद रावण संवाद का सुन्दर किया गया इसके पश्चात् दूसरी पाली में डाॅ. घनश्याम गुप्ता म.गा.ग्रा.वि.वि. द्वारा श्रीराम पर्यावरण प्रेम एक शाश्वत सन्देश विषय पर व्याख्यान किया गया उन्होने अयोध्या, चित्रकूट नासिक के पर्यावरण का सुन्दर चित्रण किया इसके पश्चात् डाॅ. आर.के.पाण्डेय म.गा.ग्रा.वि.वि. द्वारा रामकथा के महत्व का सुन्दर चित्रण संगीतमय भजन के साथ प्रस्तुत किया इसके पश्चात् अजय मिश्रा चित्रकूट द्वारा राम भजन किया गया चतुर्थ प्रस्तुत अर्चना पाण्डेय एवं साथियों द्वारा बघेली लोक गीत में रामचरित्र किस प्रकार घर-घर गाया जाता प्रत्येक संस्कार मंे इस लोक गीतों से राम जी कोही याद किया जाता है अरविन्द कुमार पटेल द्वारा बघेली में राम जन्म से लेकर राज्याभिषेक तक की सुन्दर नृत्य नटिका प्रस्तुत किया जो बहुत ही आकर्षक एवं प्रेरणादायी रही समापन समारोह के मुख्या अतिथि कामदगिरी पीठाधीश्वर जगतगुरू रामानन्दा चार्य रामस्वरूपाचार्य जी के द्वारा टीप प्रज्जवलन तुलसीदास जी के चित्र पर माल्यार्पण से प्रारम्भ हुआ मंगला चरण एवं स्वगतगीत भैरवदास जी महाराज के द्वारा किया गया जगतगुरू स्वामी रामस्वरूपाचार्य जी ने चित्रकूट के दीपोत्सव का महत्व बताते हुये कहा कि अयोध्या से भी प्राचीन दीपोत्सव चित्रकूट का है।
भगवान राम ने वनवासियों के साथ दीपोत्सव मनाया था दीपमालिका का महत्व पूरे विश्व में है। जगत गुरू ने प्रकृति के संरक्षण पर जोर देते हुये कहा जितने दीप आप यहाँ जलाइये उतने पेड अपने घर गाॅव जाकर लगाइये जगतगुरू का साल श्रीफल एवं रामचरित मानस की प्रति देकर तुलसी शोध संस्थान के रामेश्वर प्रसाद पटेल द्वारा अभिनन्द किया गया। जगतगुरू स्वामी रामस्वरूपाचार्य जी द्वारा सभी आये हुये वक्ता अतिथियों भजन गायन नाटिका रामलीला कमेटी के महन्त तथा तुलसी शोध संस्थान के सभी कर्मचारियों व्यवस्था में लगे लोगो को साल श्रीफल रामचरित मानस की प्रति अशिर्वाद स्वरूप देकर सम्मानित किया।
आदर्श रामलीला कमेटी खजुरीवाल के महन्त स्वामी गुरू प्रसन्नदास जी महाराज द्वारा रामलीला रावण वध एवं राज्याभिषेक का मंचन कराया गया भगवान रामदरबार की सुन्दर झांकी रामभूषण दास महाराज के समय के छत्र कीट मुकुट सबधारण करके सजा रामदरबार वास्तिक रामराज्याभिषेक की छवि प्रस्तुत कर रहा था, सभी अतिथियों तथा आम जन मानस द्वारा आरती उतारी गई है।
