नई दिल्ली। देश की प्रमुख हाइपरलोकल लॉजिस्टिक्स कंपनी शैडोफैक्स को सेबी (SEBI) से आईपीओ (Initial Public Offering) की मंजूरी मिल गई है। कंपनी ने 2 जुलाई 2025 को SEBI के समक्ष अपना आईपीओ आवेदन दाखिल किया था, जिसे 7 अक्टूबर 2025 को हरी झंडी मिली। अब शैडोफैक्स के पास अगले 12 महीने का वक्त है कि वह अपनी सार्वजनिक पेशकश बाजार में लॉन्च करे। इस मंजूरी के साथ शैडोफैक्स उन चुनिंदा भारतीय स्टार्टअप्स में शामिल हो गई है, जो सार्वजनिक बाजार में कदम रखने की तैयारी में हैं।
कंपनी का परिचय और कारोबार विस्तार
शैडोफैक्स टेक्नोलॉजीज हाइपरलोकल और क्विक कॉमर्स लॉजिस्टिक्स क्षेत्र की अग्रणी कंपनी है। इसका फोकस ई-कॉमर्स और डी2सी (Direct-to-Consumer) डिलीवरी सेवाओं पर है, जहां ग्राहक कुछ ही घंटों में अपनी डिलीवरी प्राप्त करते हैं। देशभर के 2200 से अधिक शहरों और 14,300 से ज्यादा पिनकोड क्षेत्रों में कंपनी अपनी सेवाएं दे रही है। कंपनी के 35 लाख से अधिक सक्रिय यूजर और लगभग 1.4 लाख डिलीवरी पार्टनर्स तिमाही आधार पर जुड़े हुए हैं। शैडोफैक्स का फ्लैश ऐप भी ग्राहकों को एक्सप्रेस कूरियर, पर्सनल डिलीवरी जैसी सेवाएं उपलब्ध कराता है।
वित्तीय प्रदर्शन में सुधार, मुनाफे के संकेत
वित्त वर्ष 2024 में शैडोफैक्स ने ऑपरेटिंग रेवेन्यू में 33 प्रतिशत की बढ़ोतरी करते हुए लगभग ₹1,885 करोड़ का कारोबार किया। इस दौरान कंपनी ने ऑपरेटिंग स्तर पर ₹23 करोड़ का मुनाफा कमाया, हालांकि कुल शुद्ध घाटा ₹12 करोड़ रहा। यह आंकड़ा कंपनी की परिचालन दक्षता में सुधार और घाटे को कम करने की दिशा में उठाए गए कदमों का स्पष्ट संकेत है। विशेषज्ञ इसे निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत मान रहे हैं।
IPO की संभावनाएं और बाजार में स्थिति
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शैडोफैक्स का IPO लगभग ₹25,000 करोड़ तक का हो सकता है, जिसमें आधा हिस्सा ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए मौजूदा निवेशकों जैसे फ्लिपकार्ट द्वारा बेचा जाएगा। फ्लिपकार्ट कंपनी का बड़ा निवेशक है और उसने शैडोफैक्स के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कंपनी ने ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) SEBI के पास गोपनीय रूप से फाइल कर दिया है। DRHP जारी होने के बाद ही IPO की प्राइस रेंज, शेयर संख्या और अन्य विवरण सार्वजनिक किए जाएंगे।
स्टार्टअप्स में आईपीओ की होड़ तेज
शैडोफैक्स के अलावा कई भारतीय टेक्नोलॉजी स्टार्टअप्स जैसे फिजिक्सवाला, बोट, शिपरॉकेट, ग्रो, पाइन लैब्स, वेकफिट, क्योरफूड्स, मीशो और लेंसकार्ट भी आईपीओ के लिए तैयारी कर रहे हैं। ये कंपनियां देश के उद्यमशीलता और तकनीकी विकास के सशक्त उदाहरण हैं और निवेशकों के बीच उत्साह बढ़ा रही हैं।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञ मानते हैं कि शैडोफैक्स का आईपीओ भारतीय लॉजिस्टिक्स क्षेत्र के लिए मील का पत्थर साबित होगा। कोविड-19 महामारी के बाद ई-कॉमर्स और हाइपरलोकल डिलीवरी की मांग में तेजी आई है, जिससे इस क्षेत्र में निवेशकों की रुचि बढ़ी है। हालांकि कंपनी अभी भी शुद्ध घाटे में है, लेकिन ऑपरेटिंग मुनाफा और तेजी से बढ़ते राजस्व ने इसे निवेशकों के लिए आकर्षक बना दिया है। निवेशकों को उम्मीद है कि शैडोफैक्स की ग्रोथ स्टोरी IPO के दौरान सकारात्मक प्रतिक्रिया पाएगी।
शैडोफैक्स की SEBI से IPO मंजूरी भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम और लॉजिस्टिक्स सेक्टर के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है। ₹25,000 करोड़ के संभावित IPO से कंपनी को विस्तार और तकनीकी उन्नति के लिए महत्वपूर्ण पूंजी मिलेगी। आने वाले महीनों में DRHP जारी होने के बाद निवेशकों की नजरें शैडोफैक्स पर टिकी रहेंगी।
