नई दिल्ली। बंगाल की खाड़ी में बन रहा चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ तटीय इलाकों के लिए खतरे की घंटी बन गया है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि 27 अक्टूबर से ओडिशा और पश्चिम बंगाल में अगले तीन दिनों तक भारी वर्षा हो सकती है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और आवश्यक तैयारियां करने की सलाह दी है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, खाड़ी के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में बना नया निम्न दबाव क्षेत्र तेजी से सक्रिय हो रहा है, जो 27 अक्टूबर तक पूर्ण चक्रवात का रूप ले सकता है। इसके असर से सोमवार से ओडिशा, पश्चिम बंगाल और बिहार के कई जिलों में तेज बारिश की संभावना है, जिससे छठ पर्व के आयोजन प्रभावित हो सकते हैं।
तमिलनाडु से बिहार तक असर, ‘मोंथा’ का बढ़ेगा दायरा
भुवनेश्वर मौसम विभाग की निदेशक मनोरमा मोहंती ने बताया कि यह प्रणाली पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ रही है। बंगाल से सटे राज्य बिहार और झारखंड तक इसका असर देखने को मिल सकता है। वहीं, अरब सागर के पूर्व-मध्य और दक्षिण-पूर्व हिस्से में एक और दबाव क्षेत्र विकसित हो रहा है, जो मौसम को और अधिक अस्थिर बना सकता है। तमिलनाडु में पहले से सक्रिय उत्तर-पूर्वी मॉनसून के कारण कई जिलों में भारी वर्षा हो रही है। अब ‘मोंथा’ के प्रभाव से राज्य के तटीय और भीतरी इलाकों में भी झमाझम बारिश की संभावना है। गौरतलब है कि ‘मोंथा’ नाम थाईलैंड द्वारा सुझाया गया है, जिसका अर्थ थाई भाषा में “सुगंधित या सुंदर फूल” होता है।
तमिलनाडु में बाढ़ की आशंका, सरकार अलर्ट पर
लगातार हो रही बारिश को देखते हुए मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने सचिवालय में उच्चस्तरीय बैठक कर बाढ़ और राहत प्रबंधन की समीक्षा की। वहीं, विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया कि समय रहते बारिश से निपटने की पर्याप्त तैयारी नहीं की गई। विपक्षी नेताओं का कहना है कि डेल्टा क्षेत्र के कई प्रत्यक्ष खरीद केंद्रों (DPC) पर किसानों की फसल बारिश में भीग गई, जिससे धान खराब होने का खतरा है। केंद्र सरकार ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए भारतीय खाद्य निगम (FCI) की विशेषज्ञ टीम भेजी है, जो धान की नमी की सीमा को 17% से बढ़ाकर 21% करने पर विचार करेगी ताकि भीगी फसल की तुरंत खरीद की जा सके।
केरल में तेज हवाओं और भारी बारिश का प्रकोप
केरल में रातभर हुई मूसलाधार बारिश और तेज हवाओं से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। कई जगहों पर पेड़ उखड़ गए, बिजली तार टूट गए और यातायात बाधित हुआ। निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गई है, जबकि नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। IMD ने आठ जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है और नागरिकों को सतर्क रहने की अपील की है।
