भोपाल। 28 अक्टूबर 2025 मध्य प्रदेश के युवाओं और सरकारी कर्मचारियों के लिए मंगलवार का दिन ऐतिहासिक रहा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राजधानी भोपाल में राज्य कर्मचारी संघ के दिवाली मिलन समारोह में कई बड़ी घोषणाएँ कीं।सबसे अहम घोषणा अब प्रदेश में सभी सरकारी नौकरियों के लिए एक ही परीक्षा होगी, बिल्कुल UPSC मॉडल पर!
भर्ती प्रक्रिया में ऐतिहासिक सुधार
सीएम यादव ने कहा कि अब अलग-अलग विभागों की भर्तियों के लिए अलग परीक्षाओं की झंझट नहीं रहेगी। राज्य सरकार एकीकृत भर्ती परीक्षा प्रणाली लागू करने जा रही है, जिसमें एक ही परीक्षा से सभी विभागों के पदों के लिए चयन होगा।इसके लिए सरकार जल्द ही “राज्य कर्मचारी चयन आयोग” (State Recruitment Commission) का गठन करेगी, जो UPSC की तरह सभी सरकारी नौकरियों की परीक्षा आयोजित करेगा। सीएम ने कहा, भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता, तेजी और योग्यता आधारित चयन हमारी प्राथमिकता है।
20 हजार से ज्यादा पुलिस पद भरने का ऐलान
मुख्यमंत्री ने सुरक्षा बलों को मज़बूत करने के लिए बड़ा ऐलान किया कि, आने वाले तीन सालों में 20,000 से अधिक पुलिस पदों पर भर्ती की जाएगी।यह कदम युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खोलेगा और राज्य की कानून-व्यवस्था को भी मज़बूती देगा।
कर्मचारियों के लिए बनेगा कर्मचारी आयोग
कर्मचारियों की पुरानी माँगों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने नया आयोग बनाने की घोषणा की है।
यह आयोग वेतन विसंगति, ग्रेड पे सुधार और सेवा शर्तों से जुड़ी समस्याओं का समाधान करेगा।
आयोग की अध्यक्षता एक सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी करेंगे।
कर्मचारियों के लिए खुशखबरी
सीएम ने समारोह में कई राहतें भी दीं ।
राज्य सरकार अब केंद्र के समान महंगाई भत्ता (DA) देने की दिशा में काम कर रही है।
9 साल से लंबित हाउस रेंट अलाउंस (HRA) जारी करने की घोषणा की गई।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को अब जीवन ज्योति बीमा योजना का लाभ मिलेगा।
साथ ही, 19,504 नए आंगनबाड़ी पद भरे जाएंगे।
प्रमोशन में आरक्षण पर हाईकोर्ट सख्त
उधर, राज्य सरकार के प्रमोशन में आरक्षण से जुड़े मामले पर मंगलवार को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में सुनवाई हुई।कोर्ट ने सरकार द्वारा पेश किए गए आंकड़ों पर असंतोष जताते हुए निर्देश दिया कि, सभी विभागों का एकीकृत चार्ट तैयार कर कोर्ट में पेश किया जाए, जिसमें हर विभाग में आरक्षित वर्ग का प्रतिनिधित्व स्पष्ट रूप से दर्शाया जाए।अगली सुनवाई 12 नवंबर को होगी।
कर्मचारियों का मांग पत्र
राज्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री को मांग पत्र सौंपा, जिसमें प्रमुख माँगें थीं।
कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाना
सेवानिवृत्ति आयु एक समान करना
शिक्षकों की वरिष्ठता नियुक्ति की तिथि से तय करना
मध्य प्रदेश सरकार का यह कदम भर्ती प्रणाली को केंद्रीकृत और पारदर्शी बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
यदि UPSC मॉडल की तर्ज पर परीक्षा प्रणाली लागू होती है, तो यह युवाओं के लिए एकसमान और निष्पक्ष अवसर तैयार करेगी । जहां मेरिट ही चयन का आधार होगी। एक ही परीक्षा, एक पारदर्शी प्रणाली, और लाखों युवाओं के लिए नए अवसरमध्य प्रदेश अब सरकारी भर्ती के नए युग में कदम रख चुका है।
