दिल्ली में 1 नवंबर से वायु प्रदूषण को रोकने के लिए सख्त नियम लागू होने जा रहे हैं। इन नियमों के तहत BS-6 मानक से कम इंजन वाले पुराने वाहनों की राजधानी में एंट्री पर रोक लगाई जाएगी। इससे एनसीआर के इलाकों—खासकर गाज़ियाबाद (UP-14) और मेरठ (UP-15) नंबर की गाड़ियों—को लेकर लोगों में सवाल उठ रहे हैं कि क्या अब ये वाहन दिल्ली में नहीं चल पाएंगे।
क्यों लगाए जा रहे हैं नए नियम
दिल्ली में वायु गुणवत्ता लगातार खराब हो रही है, जिसके चलते सरकार ने GRAP (Graded Response Action Plan) लागू किया है। इसके तहत प्रदूषण के स्तर के हिसाब से अलग-अलग चरणों में कदम उठाए जाते हैं। इस बार GRAP-2 लागू होने के बाद BS-6 से कम डीजल वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है ताकि हवा की गुणवत्ता सुधारी जा सके।
किन गाड़ियों पर लगेगी रोक
दिल्ली सरकार ने साफ किया है कि यह पाबंदी मुख्य रूप से कमर्शियल वाहनों पर लागू होगी।
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BS-6 से कम इंजन वाले ट्रक, टेंपो और अन्य वाणिज्यिक वाहन अब दिल्ली में प्रवेश नहीं कर पाएंगे।
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BS-6 इंजन वाले, CNG, LNG और इलेक्ट्रिक वाहन को दिल्ली आने-जाने की पूरी छूट दी गई है।
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निजी (पर्सनल) वाहन, चाहे वे UP-14 या UP-15 नंबर के ही क्यों न हों, उन पर कोई रोक नहीं है, अगर वे BS-6 मानक के अनुरूप हैं।
निजी वाहन मालिकों के लिए राहत
अगर आपकी कार या SUV निजी उपयोग के लिए है और BS-6 इंजन पर चलती है, तो आप 1 नवंबर के बाद भी बिना किसी परेशानी के दिल्ली में प्रवेश कर सकते हैं। नियम केवल पुराने और ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ हैं, ताकि राजधानी की हवा को सांस लेने लायक बनाया जा सके।
सरकार का मकसद
दिल्ली सरकार का उद्देश्य है कि शहर में केवल वही वाहन चलें जो कम प्रदूषण उत्सर्जन करते हैं। इससे दिवाली के बाद बढ़ने वाले स्मॉग और धुंध को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। GRAP के तहत यह कदम दिल्ली-NCR की वायु गुणवत्ता सुधारने की दिशा में एक अहम प्रयास माना जा रहा है।
