नई दिल्ली । अमेरिकी निवेश दिग्गज ब्लैकरॉक ने भारतीय मूल के व्यवसायी और ब्रॉडबैंड टेलीकॉम व ब्रिजवॉइस के सीईओ बैंकिम ब्रह्मभट्ट पर करोड़ों डॉलर की वित्तीय धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) की रिपोर्ट के अनुसार, ब्लैकरॉक की निजी क्रेडिट शाखा HPS इन्वेस्टमेंट पार्टनर्स सहित अन्य ऋणदाताओं ने दावा किया है कि ब्रह्मभट्ट की कंपनियों ने फर्जी भुगतान योग्य राशि दिखाकर उनसे सैकड़ों मिलियन डॉलर के ऋण हासिल किए।
ऋणदाताओं का कहना है कि उन्हें अब 500 मिलियन डॉलर करीब 45 अरब रुपये से अधिक की राशि बकाया है। हालांकि, ब्रह्मभट्ट के वकील ने WSJ को बताया कि उनके मुवक्किल इन आरोपों से इनकार करते हैं।
कौन हैं बैंकिम ब्रह्मभट्ट?
ब्रह्मभट्ट बैंकाई ग्रुप के संस्थापक, अध्यक्ष और सीईओ हैं। यह एक अमेरिकी मुख्यालय वाली टेलीकॉम और फिनटेक कंपनी है। उन्होंने 1989 में भारत में पुश-बटन टेलीफोन निर्माण इकाई से अपने करियर की शुरुआत की थी और बाद में उपग्रह, बिलिंग और डिजिटल वित्तीय समाधान जैसे क्षेत्रों में विस्तार किया। उनका प्रमुख उत्पाद MobiFin Elite कई अफ्रीकी देशों में डिजिटल वित्तीय सेवाएं प्रदान करता है।
क्या है मामला?
WSJ के मुताबिक, HPS ने सितंबर 2020 में ब्रह्मभट्ट से जुड़ी एक वित्तीय इकाई को ऋण देना शुरू किया था, जो अगस्त 2024 तक 430 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया। BNP Paribas ने भी इन ऋणों के वित्तपोषण में भूमिका निभाई। जुलाई 2024 में मामला तब सामने आया जब HPS के एक कर्मचारी ने पाया कि कुछ ग्राहक ईमेल फर्जी डोमेन से भेजे गए थे, जो असली टेलीकॉम कंपनियों की तरह दिखते थे। जांच में पता चला कि ईमेल और चालान (इनवॉइस) दोनों जाली थे।
बेल्जियम की टेलीकॉम कंपनी BICS ने जांचकर्ताओं को बताया कि उसका इन ईमेल से कोई संबंध नहीं था और इसे स्पष्ट धोखाधड़ी का प्रयास करार दिया। कोर्ट में दाखिल दस्तावेजों में आरोप है कि फर्जी ग्राहक अनुबंध 2018 से जारी थे और कुछ संपत्तियां भारत व मॉरीशस स्थित ऑफशोर खातों में ट्रांसफर की गईं।
ब्रह्मभट्ट की कंपनियां Broadband Telecom, Bridgevoice, Carriox Capital II और BB Capital SPV अगस्त में दिवालिया घोषित की गईं। इसी महीने ब्रह्मभट्ट ने खुद भी व्यक्तिगत दिवालियापन के लिए आवेदन दिया। WSJ के अनुसार, उनके वर्तमान में भारत में होने की आशंका है, जबकि न्यूयॉर्क स्थित उनके दफ्तर बंद पाए गए हैं।
अमेरिकी अदालतें अब दिवालियापन और सिविल मुकदमों की सुनवाई कर रही हैं। हालांकि यह घटना ब्लैकरॉक की 179 अरब डॉलर की संपत्तियों के मुकाबले बहुत छोटी मानी जा रही है और कंपनी के समग्र प्रदर्शन पर इसका कोई बड़ा असर पड़ने की संभावना नहीं है।
