देव दिवाली के शुभ अवसर पर देशभर में त्योहार का उल्लास चरम पर है, लेकिन इस बीच सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट ने निवेशकों और आभूषण खरीदारों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। पिछले दो दिनों से लगातार दोनों बहुमूल्य धातुओं के दाम नीचे जा रहे हैं, जिससे बाजार में हलचल बनी हुई है।
डॉलर की मजबूती से बढ़ा दबाव
बाजार विश्लेषकों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डॉलर की मजबूती और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के आक्रामक रुख के कारण सोने की कीमतों पर दबाव बना हुआ है। फेड की ब्याज दरों में सख्ती से निवेशक सुरक्षित संपत्तियों की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे सोने की चमक कुछ मंद पड़ गई है। इसी का असर भारत के बुलियन मार्केट में भी देखने को मिल रहा है, जहां चांदी के दामों में भी कमी दर्ज की गई है।
आज 5 नवंबर के ताज़ा रेट्स
आज के ताजा आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में 24 कैरेट सोना ₹ 1,21,630, 22 कैरेट ₹ 1,11,500 और 18 कैरेट ₹ 91,260 प्रति 10 ग्राम पर बिक रहा है।
मुंबई में क्रमशः ₹ 1,21,480, ₹ 1,11,350 और ₹ 91,110 प्रति 10 ग्राम के भाव दर्ज किए गए।
चेन्नई में 24 कैरेट सोना ₹ 1,21,970, 22 कैरेट ₹ 1,11,800 और 18 कैरेट ₹ 93,250 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है।
कोलकाता में 24 कैरेट ₹ 1,21,480, 22 कैरेट ₹ 1,11,350 और 18 कैरेट ₹ 91,110 प्रति 10 ग्राम पर बिक रहा है।
अहमदाबाद में 24 कैरेट ₹ 1,21,530, 22 कैरेट ₹ 1,11,400 और 18 कैरेट ₹ 91,160, जबकि लखनऊ, चंडीगढ़ और भुवनेश्वर में ₹ 1,21,630 (24 कैरेट), ₹ 1,11,500 (22 कैरेट) और ₹ 91,260 (18 कैरेट) के भाव दर्ज किए गए हैं।
हैदराबाद में भी इसी क्रम में ₹ 1,21,480, ₹ 1,11,350 और ₹ 91,110 प्रति 10 ग्राम रेट चल रहे हैं।
शादियों के सीजन में बढ़ेगी मांग
नवंबर की शुरुआत के साथ ही देश में शादी का मौसम शुरू हो चुका है, जिससे सोने की मांग में बढ़ोतरी की पूरी संभावना है। फिलहाल जो गिरावट दर्ज की गई है, वह निवेशकों और ज्वेलरी खरीदारों के लिए एक सुनहरा अवसर हो सकता है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा कीमतें निवेश के लिए उपयुक्त स्तर पर हैं, क्योंकि आने वाले दिनों में मांग बढ़ने से सोने की दरें दोबारा चढ़ सकती हैं।
भारत में सोना-चांदी का सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व
भारत में सोना और चांदी केवल निवेश का साधन नहीं, बल्कि संस्कृति और परंपरा का प्रतीक भी हैं। शुभ अवसरों पर सोना खरीदना सौभाग्य, समृद्धि और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है। यही वजह है कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत में इन धातुओं की मांग हर मौसम में बनी रहती है।
