देश में बुधवार, 5 नवंबर को सोने की कीमतों में हल्का उतार-चढ़ाव देखने को मिला। 24, 22 और 18 कैरेट सोना सभी श्रेणियों में सस्ता हुआ, जिससे निवेशकों की नजर अब 24 कैरेट सोने पर टिक गई है। मार्केट में चर्चा है कि अगर यह गिरावट जारी रहती है तो सोना जल्द ही 1.2 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर से नीचे जा सकता है।
आज कितनी है सोने की कीमतें?
देशभर में आज 24 कैरेट सोना 1,21,910 रुपये प्रति 10 ग्राम पर दर्ज किया गया, जो कल की तुलना में 430 रुपये ज्यादा है। वहीं, 22 कैरेट सोने की कीमत 1,11,750 रुपये प्रति 10 ग्राम रही, जो कल के मुकाबले 400 रुपये अधिक है।
18 कैरेट सोना आज 91,430 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर मिल रहा है, जो बुधवार की तुलना में 320 रुपये अधिक है।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस साल अब तक सोने में करीब 60 प्रतिशत तक का उछाल देखने को मिला है।
देश के प्रमुख शहरों में सोने का भाव
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मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद, पुणे और नागपुर: 24 कैरेट सोना 12,191 रुपये प्रति ग्राम
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दिल्ली, लखनऊ और चंडीगढ़: 12,206 रुपये प्रति ग्राम
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अहमदाबाद, सूरत और पटना: 12,196 रुपये प्रति ग्राम
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चेन्नई, कोयंबटूर और मदुरै: 12,273 रुपये प्रति ग्राम
इन शहरों में कीमतों का यह अंतर स्थानीय टैक्स और ज्वेलरी मार्केट की डिमांड पर निर्भर करता है।
चांदी की कीमतों में भी बढ़ोतरी
सोने के साथ-साथ चांदी में भी हल्की बढ़त देखी गई है।
आज देश में चांदी की कीमत 151.50 रुपये प्रति ग्राम और 1,51,500 रुपये प्रति किलोग्राम दर्ज की गई।
बुधवार को यह दर 150.50 रुपये प्रति ग्राम और 1,50,500 रुपये प्रति किलोग्राम थी।
विशेषज्ञ बताते हैं कि चांदी की दरें अंतरराष्ट्रीय बाजार और डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल पर निर्भर करती हैं। यदि रुपये में कमजोरी आती है, तो भारत में चांदी और महंगी हो सकती है।
कितनी कम हो सकती है सोने की कीमतें?
निवेशकों का मानना है कि आने वाले दिनों में सोने की कीमतों में थोड़ी गिरावट संभव है।
ग्लोबल स्ट्रैटेजिस्ट रॉस मैक्सवेल के मुताबिक, सोना जल्द ही 1,24,873 रुपये प्रति ग्राम के स्तर से नीचे जा सकता है।
उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका-चीन-भारत के बीच व्यापारिक समझौते सकारात्मक रहते हैं, तो डॉलर मजबूत होगा और सोने की कीमतों में गिरावट जारी रहेगी।
एक्सपर्ट्स का क्या कहना है?
विशेषज्ञों के अनुसार, इस समय बाजार में थोड़ी-बहुत “अतिरिक्त खरीदारी” देखने को मिल सकती है।
अगर ट्रेड वार्ता में प्रगति होती है और वैश्विक अनिश्चितता घटती है, तो सोना सस्ता रहेगा।
लेकिन अगर वार्ता विफल होती है या अंतरराष्ट्रीय तनाव बढ़ता है, तो सोने में एक बार फिर तेजी की लहर आ सकती है।
