धार (मध्य प्रदेश)। धार जिले के पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में बुधवार देर रात एक ऐसा दर्दनाक हादसा हुआ जिसने पूरे इलाके को दहला दिया। सेक्टर-3 स्थित शिवम इंडस्ट्रीज की लुब्रिकेंट ऑयल फैक्ट्री में खड़े टैंकर में अचानक भीषण आग भड़क उठी। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि देखते ही देखते पूरा परिसर आग के गोले में बदल गया। हादसे में फैक्ट्री के दो कर्मचारियों की मौके पर ही जलकर मौत हो गई, जबकि दो लोग गंभीर रूप से झुलस गए।
आग की लपटों ने निगल ली दो जिंदगियां
पीथमपुर के एसडीएम राहुल गुप्ता ने बताया कि हादसे में दो कर्मचारियों की मौत हो गई है। मृतकों की पहचान नीरज (23) और कल्पेश (35) के रूप में हुई है। दोनों कर्मचारी रात की शिफ्ट में ड्यूटी पर थे और आग लगने के समय टैंकर के पास ही काम कर रहे थे।
वहीं, टैंकर चालक मनोज झा और फायर फाइटर दिलीप सिंह यादव झुलस गए हैं। दोनों को गंभीर हालत में इंदौर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
चार घंटे की मशक्कत के बाद काबू पाया गया
जैसे ही आग की सूचना मिली, इंदौर और पीथमपुर से चार दमकल गाड़ियाँ मौके पर भेजी गईं। लपटें इतनी भयानक थीं कि फायर ब्रिगेड को आग बुझाने में करीब चार घंटे की कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। देर रात तक आग पर काबू पाया गया, लेकिन तब तक फैक्ट्री का बड़ा हिस्सा जलकर खाक हो चुका था।
जांच में जुटा प्रशासन
अधिकारियों के मुताबिक आग लगने के कारणों का अभी तक खुलासा नहीं हो सका है। आशंका जताई जा रही है कि टैंकर से लीक हुए ऑयल में स्पार्क होने से आग भड़की होगी, हालांकि सटीक कारणों का पता लगाने के लिए जांच जारी है।
जिला प्रशासन और पुलिस ने फैक्ट्री परिसर को सील कर दिया है। मौके से ऑयल सैंपल और क्षतिग्रस्त टैंकर को जांच के लिए जब्त किया गया है।
मृतकों के परिजनों को मिलेगा मुआवजा
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, मृत कर्मचारियों के परिवारों को फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा मुआवजा दिया जाएगा। साथ ही, घायलों के इलाज का पूरा खर्च भी कंपनी उठाएगी।
राज्य सरकार की ओर से भी अनुग्रह राशि (Ex-gratia) देने पर विचार किया जा रहा है। जिलाधिकारी (कलेक्टर) ने कहा है कि पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
फैक्ट्री में सुरक्षा इंतज़ामों पर सवाल
इस भीषण हादसे के बाद एक बार फिर औद्योगिक क्षेत्रों की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल उठने लगे हैं। सूत्रों का कहना है कि अगर फैक्ट्री में अग्नि सुरक्षा के पर्याप्त इंतज़ाम होते, तो शायद यह त्रासदी टल सकती थी।
श्रम विभाग की टीम गुरुवार को मौके पर पहुँची और फैक्ट्री प्रबंधन से सुरक्षा मानकों से जुड़ी जानकारी तलब की। फैक्ट्री अधिनियम (Factories Act) के तहत लापरवाही पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
