नई दिल्ली। बदलते दौर में काम करने के तरीके तेजी से बदल रहे हैं। अब युवा पारंपरिक नौकरियों की बजाय अपने कौशल और समय के अनुसार काम करना पसंद कर रहे हैं। फ्रीलांसिंग और गिग वर्क का चलन लगातार बढ़ रहा है, क्योंकि इसमें न तो किसी बॉस का दबाव होता है और न ही तय समय की पाबंदी। यह आज की डिजिटल और टेक्नोलॉजी आधारित अर्थव्यवस्था का नया चेहरा बन चुका है।
हालाँकि, फ्रीलांसर और गिग वर्कर्स जैसे कि Zomato, Swiggy, Ola, Uber, Blinkit और Urban Company जैसी कंपनियों में काम करने वाले लाखों लोग अब तक किसी सामाजिक सुरक्षा या पेंशन योजना से जुड़े नहीं थे। इन्हें केवल मेहनताना मिलता था, लेकिन भविष्य की आर्थिक सुरक्षा का कोई ठोस प्रावधान नहीं था। इसी को देखते हुए केंद्र सरकार ने अब एक बड़ा कदम उठाया है।
केंद्र सरकार का बड़ा ऐलान: गिग वर्कर्स को भी पेंशन का हक
सरकार ने “NPS e-Shramik प्लेटफॉर्म सर्विस पार्टनर योजना” की शुरुआत की है। इस योजना का उद्देश्य देश के करोड़ों फ्रीलांसरों और गिग वर्कर्स को नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) से जोड़ना है, ताकि उन्हें भी नियमित कर्मचारियों की तरह रिटायरमेंट सुरक्षा मिल सके। यह योजना पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) द्वारा लागू की जा रही है।
इस योजना के तहत अब कोई भी गिग वर्कर या फ्रीलांसर अपना पेंशन खाता (PRAN) बनवाकर हर महीने एक तय राशि जमा कर सकता है। इस तरह धीरे-धीरे उसकी रिटायरमेंट फंड तैयार होगी और भविष्य में उसे पेंशन के रूप में आर्थिक सुरक्षा मिलेगी।
कैसे करें रजिस्ट्रेशन?
इस योजना का लाभ लेने के लिए गिग वर्कर्स को पहले “Quick PRAN” प्रक्रिया के तहत पंजीकरण करना होगा। इसमें उनका नाम, पता, पैन कार्ड, मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट जैसी जानकारियों का सत्यापन किया जाएगा।
सत्यापन पूरा होने के बाद PRAN (Permanent Retirement Account Number) जारी किया जाएगा, जो हर वर्कर के लिए यूनिक होगा।
इसके बाद 60 दिनों के भीतर वर्कर को अपने नॉमिनी, माता-पिता और ईमेल जैसी जानकारी पेंशन खाते में दर्ज करानी होगी, ताकि भविष्य में किसी भी वित्तीय लेनदेन या लाभ वितरण में पारदर्शिता बनी रहे।
योजना के फायदे
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पेंशन के रूप में नियमित आर्थिक सहायता मिलेगी।
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भविष्य के लिए सुरक्षित बचत की सुविधा।
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सरकार की तरफ से सामाजिक सुरक्षा का लाभ।
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किसी भी कंपनी या प्लेटफॉर्म से जुड़े सभी गिग वर्कर पात्र होंगे।
भविष्य की दृष्टि से बड़ा कदम
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत की गिग अर्थव्यवस्था (Gig Economy) को औपचारिक ढांचे में लाने की दिशा में एक ऐतिहासिक शुरुआत है। इससे न केवल फ्रीलांसरों को आर्थिक स्थिरता मिलेगी, बल्कि देश में स्व-रोजगार करने वाले लोगों को भी भरोसा मिलेगा कि उनके भविष्य की सुरक्षा सरकार के हाथों में है।
सरकार का यह प्रयास गिग वर्कर्स के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है। आने वाले वर्षों में इससे करोड़ों युवाओं को दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा और आत्मनिर्भरता का रास्ता मिलेगा।
