भोपाल। मध्य प्रदेश में इस साल नवंबर की शुरुआत से ही कड़ाके की ठिठुरन जारी है। मंगलवार-बुधवार की रात प्रदेश के 9 शहरों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया, जिसने ठंड के पिछले कई रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
शीतलहर का अलर्ट और स्कूल के समय में बदलाव
राजगढ़ राज्य में सबसे ठंडा रहा, जहाँ न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।मौसम विभाग ने अगले 4 दिन तक राज्य के 23 जिलों, जिनमें भोपाल और इंदौर भी शामिल हैं, में शीतलहर (Cold Wave) का अलर्ट जारी किया है।लगातार गिरते तापमान को देखते हुए देवास कलेक्टर ऋतुराज सिंह ने नर्सरी से 12वीं तक के स्कूलों का समय बदल दिया है। अब स्कूल सुबह 10 बजे से पहले नहीं खुलेंगे।
ठंड बढ़ने का कारण
मौसम विशेषज्ञ पीके शाह ने बताया कि ठंड का यह तीव्र प्रकोप वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) के जल्दी सक्रिय होने के कारण हैहिमालयी क्षेत्र (जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल) में एक सप्ताह पहले ही पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया, जिससे वहाँ बर्फबारी हो रही है।उत्तर से दक्षिण की ओर बहने वाली सर्द हवाओं का सीधा असर मध्य प्रदेश पर पड़ रहा है, जिससे ठंड तेजी से बढ़ी है।
रिकॉर्ड तोड़ती सर्दी
एमपी के कई शहरों में पारा प्रमुख हिल स्टेशनों (शिमला, मसूरी, देहरादून) से भी नीचे चला गया है, जिससे कई दशकों के रिकॉर्ड टूटे हैं:
शहर न्यूनतम तापमान (डिग्री सेल्सियस) रिकॉर्ड
भोपाल 8°C 2015 के बाद नवंबर का सबसे कम
इंदौर 7°C पिछले 25 साल में नवंबर में इतनी सर्दी कभी नहीं पड़ी (ओवरऑल रिकॉर्ड 1938 में 5.6°C था)।
ग्वालियर – 56 साल पहले नवंबर में रिकॉर्ड 3°C तक पहुंचा था।
उज्जैन – 52 साल पहले न्यूनतम पारा रिकॉर्ड 2.3°C तक जा चुका है।
पचमढ़ी में अलग ट्रेंड
प्रदेश के इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी में रात का तापमान (13.8 डिग्री) अन्य शहरों से ज्यादा रहा, लेकिन दिन का तापमान 23.6 डिग्री सेल्सियस तक ही पहुंचा, यानी यहाँ दिन में ज्यादा सर्दी महसूस की गई।
नवंबर में बारिश का ट्रेंड
मौसम विभाग ने कहा कि पिछले 10 साल से नवंबर में ठंड के साथ बारिश का ट्रेंड भी है। इस बार भी नवंबर के तीसरे और चौथे सप्ताह में सिस्टम एक्टिव होने से बारिश हो सकती है।भोपाल में नवंबर में पिछले 10 साल में तीन बार बारिश हो चुकी है। 1936 में नवंबर महीने में साढ़े 5 इंच से ज्यादा पानी गिरा था।
ठंड को देखते हुए, मौसम विभाग ने नागरिकों को अगले कुछ दिनों तक विशेष सावधानी बरतने और शीतलहर से बचाव के उपाय करने की सलाह दी है।
