दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर शुक्रवार की सुबह वह सब हुआ जिसकी कल्पना भी किसी ने नहीं की थी। मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में तेज रफ्तार से दौड़ती एक कार अचानक अनियंत्रित हुई और गहरी खाई में गिर पड़ी। कुछ ही पलों में एक साधारण यात्रा दर्दनाक त्रासदी में बदल गई। दुर्घटना इतनी भयावह थी कि कार सवार पाँचों लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों में एक 15 वर्षीय किशोर भी शामिल था, जिसने अभी जीवन की शुरुआत ही की थी।
सुबह के शांत वातावरण में घुल गई चीखों की गूंज
घटना सुबह लगभग 8 बजे की है। एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक सामान्य था और मौसम भी साफ़। तभी रावटी से लगभग 10 किलोमीटर आगे स्थित भीमपुरा गांव के पास यह हादसा हुआ। यह स्थान माही नदी के पुल से ठीक पहले आता है, जहाँ सड़क एक मोड़ लेते हुए गहरी ढलान की ओर बढ़ती है। कार क्रमांक MH 03 EL 1388 दिल्ली की ओर से मुंबई की दिशा में जा रही थी। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, कार अचानक डगमगाई, कुछ सेकंड तक सड़क पर असंतुलित चलती रही और फिर गति की वजह से सीधे खाई में जा गिरी। खाई की गहराई इतनी थी कि वाहन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और यात्रियों के बचने की कोई संभावना नहीं बच पाई।
मौत से पहले नहीं मिला एक पल भी बचने का मौका
भीषण टक्कर और गिरावट के बाद कार के टुकड़े दूर-दूर तक बिखर गए। हादसे की आवाज सुनकर आसपास के ग्रामीण और अन्य वाहन चालक मौके पर दौड़े, लेकिन स्थिति इतनी भयावह थी कि किसी को भी अंदर फंसे लोगों तक तुरंत पहुंचना मुश्किल हो गया। कार के अंदर फंसे यात्रियों को बाहर निकालने में समय लगा, क्योंकि वाहन आगे से पूरी तरह दब चुका था। प्रारंभिक जानकारी में यह साफ हुआ कि सभी यात्रियों की मौके पर ही मौत हो चुकी थी। इस घटना ने न केवल परिवारों को, बल्कि पूरे क्षेत्र को शोक और सदमे में डाल दिया।
पुलिस और हाईवे पेट्रोलिंग की तेज़ कार्रवाई
सूचना मिलते ही रावटी पुलिस और हाईवे पेट्रोलिंग टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने राहत और बचाव कार्य शुरू किया। शवों को बाहर निकालने के बाद तुरंत रतलाम मेडिकल कॉलेज भेजा गया, जहां पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। थाना प्रभारी सुरेंद्र सिंह गडरिया ने बताया कि मृतकों की पहचान की जा रही है, और उनके परिवारों को सूचना भेजी जा रही है। पुलिस टीम मौके से साक्ष्य जुटा रही है, ताकि घटना के सही कारणों का पता लगाया जा सके।
तेज रफ्तार बनी मौत की वजह?
प्रारंभिक जांच में जो बात सामने आई है, वह है-तेज रफ्तार। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे अपनी लंबी सीधी सड़क और चौड़े लेन के कारण तेज रफ्तार वाहनों के लिए जाना जाता है। कई ड्राइवर बिना सोचे-समझे 100–120 किमी/घंटा से ऊपर वाहन चलाने लगते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसी स्पीड पर अचानक मोड़ या सड़क की जरा-सी ऊंच-नीच भी वाहन को अनियंत्रित कर सकती है। भीमपुरा गांव के पास सड़क पर एक हल्का सा ढलान है, और पुलिस का अनुमान है कि कार इसी ढलान पर नियंत्रण खो बैठी। यह भी जांचा जा रहा है कि कहीं ड्राइवर को झपकी तो नहीं आई थी, या किसी वाहन ने अचानक कट मारा हो, जिससे असंतुलन पैदा हुआ हो।
एक्सप्रेसवे पर बढ़ते हादसे
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे देश के सबसे आधुनिक हाईवे प्रोजेक्ट्स में से एक माना जाता है। लेकिन हादसों का बढ़ता ग्राफ प्रशासन के लिए चिंता का विषय बन चुका है। तेज रफ्तार, थकान, और लापरवाही जैसे कारक इन घटनाओं को और खतरनाक बना रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे हाईवे पर स्पीड कंट्रोल ज़ोन, रंबल स्ट्रिप्स, चेतावनी संकेतों, ड्राइवर विश्राम क्षेत्रों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है। रतलाम वाला यह हिस्सा पहले भी दुर्घटनाओं का गवाह रहा है, हालांकि इतनी भीषण घटना लंबे समय बाद हुई है। पुलिस फिलहाल सभी पहलुओं की जांच कर रही है। मृतकों के मोबाइल फोन, यात्रा योजना और वाहन की हालत की भी पड़ताल की जाएगी। अधिकारी इस बात का भी अध्ययन करेंगे कि क्या कार में कोई तकनीकी खराबी थी या यह हादसा पूरी तरह मानवीय गलती का नतीजा है। इस हादसे की सबसे दुखद बात यह है कि पांचों लोग एक साथ सफर पर निकले थे और किसी ने नहीं सोचा था कि यह यात्रा उनकी आखिरी होगी। 15 वर्ष के बच्चे की मौत ने घटना को और भी भावुक और दर्दनाक बना दिया है। पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने न केवल शवों के पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया तेजी से शुरू की है, बल्कि मृतकों के परिजनों को हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया है।
