नई दिल्ली। अमेरिका में बढ़ती महंगाई घरेलू राजनीतिक दबाव और उपभोक्ताओं की नाराजगी के बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपने फैसले से पीछे हटते हुए दर्जनों रोजमर्रा की वस्तुओं पर लगाए गए टैरिफ में कटौती कर दी है। यह वही टैरिफ है जिसे अप्रैल में अधिकांश देशों पर लागू किया गया था लेकिन अब महंगाई एक गंभीर राजनीतिक मुद्दा बन गई है और नॉन-ईयर चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा तो राष्ट्रपति ट्रंप को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना पड़ा।
अमेरिकी जनता कई महीनों से बढ़ती कीमतों का सामना कर रही थी। बीफ कॉफी उष्णकटिबंधीय फल मसाले और चाय जैसी वस्तुओं की कीमतों में भारी बढ़ोतरी ने घरेलू बजट को प्रभावित किया। ट्रंप प्रशासन लगातार यह दावा करता रहा कि टैरिफ का असर उपभोक्ता कीमतों पर नहीं पड़ेगा लेकिन आर्थिक आंकड़े और बाजार की वास्तविक स्थिति कुछ और ही कहानी कह रहे थे। अप्रैल में लगाए गए ऊंचे आयात शुल्क का सीधा असर यह हुआ कि अमेरिका में बीफ कॉफी और कई खाद्य वस्तुएँ रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुँच गईं और बीफ की कीमतें तो इतनी बढ़ गईं कि यह चुनावी मुद्दा बन गई।
राजनीतिक दबाव ने रुख बदला। हाल ही में हुए नॉन-ईयर चुनावों में वर्जीनिया और न्यू जर्सी जैसे राज्यों में डेमोक्रेट्स की बड़ी जीत ने संकेत दिया कि जनता महंगाई पर त्वरित राहत चाहती है। इन नतीजों ने ट्रंप प्रशासन पर दबाव बनाया और टैरिफ कम करने का निर्णय तेजी से लिया गया। यह कदम ट्रंप की उस छवि के विपरीत है जिसमें वे आयात शुल्क बढ़ाकर घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के समर्थक रहे हैं लेकिन इस बार परिस्थितियाँ अलग थीं और महंगाई सीधे उनकी लोकप्रियता और आगामी चुनावी रणनीति पर असर डाल रही थी।
नए कार्यकारी आदेश के तहत जिन वस्तुओं पर टैरिफ कम या समाप्त किया गया है उनमें बीफ कॉफी ट्रॉपिकल फ्रूट चाय फलों के रस कोको मसाले केले संतरे टमाटर और कुछ उर्वरक शामिल हैं। इनमें से कई वस्तुएँ अमेरिका में उत्पादित नहीं होतीं और आयात पर निर्भरता अधिक है। विशेष रूप से बीफ का मुद्दा संवेदनशील रहा क्योंकि इसका सबसे बड़ा निर्यातक ब्राजील है और ब्राजील पर भारी टैरिफ लगाने के बाद घरेलू बाजार में कीमतें तेजी से बढ़ गई थीं। अब टैरिफ हटने से कीमतों में राहत की उम्मीद है।
आर्थिक विशेषज्ञों ने ट्रंप के फैसले को आवश्यक कदम बताया। टैरिफ हटाने से अमेरिकी बाजार में खाद्य और आवश्यक उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों में कमी आएगी जिससे महंगाई पर नियंत्रण मिलेगा और घरेलू मांग बढ़ सकती है। कई विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि ट्रंप के शुरुआती दावों के उलट टैरिफ का असर सीधे उपभोक्ता कीमतों पर पड़ा और यही वजह है कि महंगाई में वृद्धि के लिए टैरिफ नीति को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।आने वाले दिनों में अमेरिकी उपभोक्ता बाजार में राहत देख पाएंगे। सप्लाई चेन और आयात प्रक्रियाओं में सुधार के साथ कुछ हफ्तों में बीफ कॉफी और अन्य खाद्य उत्पादों के दामों में गिरावट की संभावना है। ट्रंप प्रशासन उम्मीद कर रहा है कि यह निर्णय महंगाई से परेशान जनता के बीच राहत की भावना पैदा करेगा और राजनीतिक रूप से सकारात्मक संदेश देगा। साथ ही उन्होंने इक्वाडोर ग्वाटेमाला एल सल्वाडोर और अर्जेंटीना जैसे देशों से कृषि उत्पादों के आयात को बढ़ाने के लिए नई समझौता रूपरेखा का भी ऐलान किया है।
