भोपाल। प्रदेश में क्षत्रिय समाज अपनी विभिन्न लंबित मांगों को लेकर आज 15 नवंबर 2025 (शनिवार) को आर-पार की रणनीति पर उतर आया है। समाज की एकता और अधिकारों के लिए राजधानी भोपाल के खुशीलाल ग्राउंड में विशाल ‘क्षत्रिय क्रांति सम्मेलन’ आयोजित किया जा रहा है, जो सुबह 11 बजे शुरू होगा। इस महाजुटान में प्रदेशभर से हजारों प्रतिनिधियों और समाजजनों के पहुंचने की संभावना है।संगठन ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर समय रहते कदम नहीं उठाए, तो एक बड़ा प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा।
सरकार के सामने रखी जाएंगी 15 प्रमुख मांगें
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष इंदल सिंह राणा ने बताया कि सम्मेलन में सरकार के समक्ष 15 महत्वपूर्ण मांगें रखी जाएंगी, जो सामाजिक और राजनीतिक समीकरणों पर सीधा असर डाल सकती हैं। प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं।
15 प्रमुख मांगें, समाज के अधिकारों की चुनौती
प्रदेश अध्यक्ष इंदल सिंह राणा ने बताया कि सम्मेलन में सरकार के सामने 15 अहम मांगें रखी जाएंगी, जिनका सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव होने की संभावना है। प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं।
EWS आरक्षण: वर्तमान 10% से बढ़ाकर 20% और प्रमाणपत्र प्रक्रिया को सरल बनाने की मांग।
एट्रोसिटी एक्ट में बदलाव: दुरुपयोग पर रोक, आरोपी की गिरफ्तारी केवल उच्च स्तरीय जांच के बाद।
अग्निवीर योजना: सेना में स्थायी भर्ती, अग्निवीरों को स्थायी सेवा और पेंशन का लाभ।
गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा: अवैध तस्करी और हत्या पर सख्त कानून।
हरदा प्रकरण में न्याय: समाज पर कथित अन्याय की उच्च स्तरीय जांच और दोषियों पर कार्रवाई।
राजनीतिक प्रतिनिधित्व: जनसंख्या के अनुपात में विधानसभा, लोकसभा और संगठनात्मक पद।
किसान हित: सभी फसलों पर MSP की कानूनी गारंटी और नुकसान पर मुआवजा।
संस्कृति संरक्षण: क्षत्रिय महापुरुषों के इतिहास पर छेड़छाड़ रोक।
(बाकी 7 मांगों का विस्तृत विवरण भी सम्मेलन में प्रस्तुत होगा)
‘न्याय और सम्मान की लड़ाई’ की चेतावनी
प्रदेश कार्यवाहक अध्यक्ष आशु सिंह ने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा है कि यह आंदोलन केवल समाज का मुद्दा नहीं, बल्कि न्याय और सम्मान की लड़ाई है। उन्होंने कहा, “यदि सम्मेलन के बाद भी सरकार की चुप्पी जारी रही, तो आंदोलन सड़क से सदन तक पहुंचेगा।”
खुशीलाल ग्राउंड में होने वाला यह आयोजन प्रदेश की राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है, जिस पर सभी दलों की नजरें टिकी हुई हैं।
