दिल्ली। क्रिकेट की दुनिया में कुछ ऐसे रिकॉर्ड्स हैं जिन्हें तोड़ना नामुमकिन के बराबर माना जाता है। वनडे क्रिकेट में इन रिकॉर्ड्स ने न केवल खेल को एक नई दिशा दी है, बल्कि इन महान खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से यह साबित कर दिया है कि कुछ उपलब्धियाँ समय और प्रयास से भी ऊपर होती हैं। आइए जानते हैं उन पांच वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के बारे में, जिन्हें तोड़ना फिलहाल किसी के लिए असंभव सा लगता है।
1. सचिन तेंदुलकर के 18,426 रन
भारत के मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने वनडे क्रिकेट में 18,426 रन बनाकर एक ऐसा रिकॉर्ड स्थापित किया है, जिसे तोड़ने का ख्वाब भी मुश्किल लगता है। अपने 22 साल लंबे करियर में, सचिन ने 463 वनडे मैचों में 49 शतक और 96 अर्धशतक लगाए। उनकी लगातार प्रदर्शन और संघर्ष की मिसाल ने उन्हें क्रिकेट का सबसे बड़ा दिग्गज बना दिया है। यह आंकड़ा एक बेंचमार्क बन चुका है, जिसे हासिल करना किसी के लिए आसान नहीं होगा।
2. विराट कोहली के 51 शतक
विराट कोहली ने वनडे क्रिकेट में अब तक 51 शतक जड़े हैं, जो एक अद्वितीय रिकॉर्ड है। कोहली की बैटिंग शैली और उनकी निरंतरता ने उन्हें क्रिकेट के सबसे महान बल्लेबाजों में शुमार किया। इंटरनेशनल क्रिकेट में कोहली ने कुल 82 शतक बनाए हैं, और उनके नाम यह रिकॉर्ड एक ऐसा लक्ष्य बना है, जिसे तोड़ने के लिए किसी बल्लेबाज को न केवल लम्बे समय तक शानदार प्रदर्शन करना होगा, बल्कि कोहली की तरह मानसिक और शारीरिक रूप से भी बेहद मजबूत रहना होगा।
3. मुथैया मुरलीधरन के 534 विकेट
श्रीलंका के दिग्गज स्पिनर मुथैया मुरलीधरन का वनडे क्रिकेट में 534 विकेट लेने का रिकॉर्ड आज भी एक दीवार की तरह खड़ा है। मुरलीधरन ने 350 वनडे मैचों में यह कारनामा किया, और उनके कुल विकेटों की संख्या 1347 तक पहुंची, जो क्रिकेट इतिहास में एक अद्वितीय उपलब्धि है। किसी भी गेंदबाज के लिए मुरलीधरन का यह रिकॉर्ड तोड़ पाना बेहद कठिन साबित हो रहा है।
4. 463 वनडे मैच खेलने का सचिन का रिकॉर्ड
सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर में 463 वनडे मैच खेले, और यह रिकॉर्ड आज भी किसी बल्लेबाज के लिए तोड़ना असंभव सा लगता है। सचिन का यह रिकॉर्ड उनके अद्वितीय करियर की गवाही है, जो 1989 से 2012 तक चला। एक दशक से भी अधिक समय तक वनडे क्रिकेट में सक्रिय रहने वाला यह रिकॉर्ड क्रिकेट इतिहास में सबसे लंबे करियर का प्रतीक बन चुका है।
5. रोहित शर्मा के तीन दोहरे शतक
रोहित शर्मा ने वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में तीन दोहरे शतक बनाए हैं, और वह इस रिकॉर्ड के साथ अकेले खड़े हैं। उनके इस कारनामे ने उन्हें क्रिकेट जगत में एक नई पहचान दिलाई। रोहित के नाम यह रिकॉर्ड उनके ओपनिंग स्लॉट में बल्लेबाजी करने के बाद आया, जब उन्होंने रनों की झड़ी लगाई और यह साबित कर दिया कि वनडे क्रिकेट में किसी खिलाड़ी के लिए सीमाएं नहीं हैं। उनके इस रिकॉर्ड को तोड़ना अगले कई दशकों तक असंभव लगता है।
इन रिकॉर्ड्स ने न केवल क्रिकेट के खेल को अद्वितीय बना दिया है, बल्कि ये खिलाड़ी क्रिकेट के इतिहास में अमर हो गए हैं। उनके द्वारा बनाए गए ये रिकॉर्ड आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेंगे।
