भोपाल। पहाड़ी राज्यों उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में हुई बर्फबारी के कारण मध्यप्रदेश में नवंबर की सर्दी ने पुराने रिकॉर्ड तोड़ने शुरू कर दिए हैं। शनिवार-रविवार की रात को प्रदेश के कई प्रमुख शहरों में न्यूनतम तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई जिससे सीजन की सबसे सर्द रातें रहीं।
भोपाल और इंदौर में पारा 6.4 डिग्री सेल्सियस
प्रदेश के प्रमुख शहरों में ठंड का असर रिकॉर्ड स्तर पर रहा। रात का पारा 6.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह 84 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ने के करीब है।यहाँ भी न्यूनतम तापमान 6.4 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सीजन की सबसे सर्द रात थी। पिछले 25 साल में पहली बार पारा इतना लुढ़का है।
अन्य शहर
राजगढ़: सबसे ठंडा शहर रहा, जहाँ पारा 6 डिग्री सेल्सियस पर आ गया।
जबलपुर: इस सीजन में पहली बार पारा 8.5 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचा।
ग्वालियर: 10.1 डिग्री सेल्सियस।
उज्जैन: 10.5 डिग्री सेल्सियस।
एक ही रात में 3.2 डिग्री की गिरावटबीती रात ठंड के असर में अचानक तेजी देखी गई, जिससे पारे में खासी गिरावट हुई। शुक्रवार-शनिवार की रात 9.6 डिग्री से लुढ़ककर बीती रात 6.4 डिग्री पर आ गया, यानी एक ही रात में 3.2 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई।अन्य शहरों में गिरावट भोपाल और धार में 1.6 डिग्री नर्मदापुरम, जबलपुर, मंडला और उज्जैन में 1.2 डिग्री की गिरावट आई।
शीतलहर का अलर्ट: 20 जिलों में कोल्ड वेव
सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन के अनुसार उत्तरी हवाएं सीधे प्रदेश में आने के कारण रातें ठंडी हो रही हैं। अगले 3 दिनों तक कोल्ड वेव का अलर्ट जारी किया गया है।मौसम विभाग ने रविवार को भोपाल, इंदौर, राजगढ़, शाजापुर, देवास, सीहोर, शिवपुरी, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, मैहर, कटनी, उमरिया, शहडोल, जबलपुर, डिंडौरी और अनूपपुर सहित 20 जिलों में शीतलहर का अलर्ट जारी किया है।रिकॉर्ड इससे पहले शनिवार को भोपाल में लगातार 8 दिन तक शीतलहर का असर देखा गया।
पिछले वर्षों का ट्रेंड
मध्यप्रदेश में नवंबर में पिछले 10 साल से ठंड के साथ बारिश का भी ट्रेंड रहा है। हालांकि इस बार ठंड नवंबर के पहले ही सप्ताह में तेज हो गई।
-ओवरऑल रिकॉर्ड न्यूनतम तापमान
-भोपाल: 6.1 डिग्री सेल्सियस 30 नवंबर 1941
-इंदौर: 5.6 डिग्री सेल्सियस 25 नवंबर 1938
-ग्वालियर: 3 डिग्री सेल्सियस 1970
-जबलपुर: 3.9 डिग्री सेल्सियस 12 नवंबर 1989
-उज्जैन: 2.8 डिग्री सेल्सियस 30 नवंबर 1974 मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान में उत्तरी हवाओं का प्रकोप जारी है, जिसके कारण मध्य प्रदेश में तीव्र ठंड और शीतलहर का अलर्ट है।भोपाल और इंदौर का अगले 3 दिन का मौसम पूर्वानुमान 17-19 नवंबर, 2025
-इंदौर सोमवार 17 नवंबर मौसम साफ रहेगा शीतलहर जारी रहने की संभावना।मंगलवार 18 नवंबर मौसम साफ रहेगा शीतलहर जारी रहने की संभावना।बुधवार 19 नवंबर मौसम साफ रहेगा ठंड बरकरार रहेगी। भोपाल सोमवार 17 नवंबर आंशिक रूप से कोहरा और धुंध तीव्र शीतलहर जारी रहने की संभावना। मंगलवार, 18 नवंबर मौसम साफ ठंडक जारी रहेगी तीव्र शीतलहर जारी रहने की संभावना। बुधवार 19 नवंबर।
मौसम साफ ठंड बरकरार रहेगी, लेकिन थोड़ी राहत संभव।
भोपाल में न्यूनतम तापमान 9-10 डिग्री सेल्सियस के आसपास बने रहने की संभावना है, जो सामान्य से काफी कम है और रिकॉर्ड तोड़ ठंड के करीब है। इंदौर में भी रातें सर्द बनी रहेंगी लेकिन न्यूनतम तापमान 12-13 डिग्री सेल्सियस के आसपास स्थिर हो सकता है।IMD के अनुसार उत्तरी हवाओं के कारण अगले तीन दिनों तक भोपाल और इंदौर सहित लगभग 20 जिलों में शीतलहर का प्रभाव बना रहेगा। भोपाल में विशेष रूप से तीव्र शीतलहर की स्थिति रहने की संभावना है।दिन में धूप खिली रहेगी जिससे अधिकतम तापमान 25 C से 27 ∘C के बीच रहने की उम्मीद है लेकिन सुबह और शाम के समय कड़ाके की ठंड महसूस होगी।
खंडवा में वोटर लिस्ट पुनरीक्षण पर बवाल: कांग्रेस ने लगाई लापरवाही की शिकायत
खंडवा SIR फॉर्म गांव-बूथों तक नहीं पहुंचे कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने तत्काल कार्रवाई की मांग की खंडवा 28 अक्टूबर से शुरू हुआ मतदाता सूची पुनरीक्षण 20 दिन बाद भी फॉर्म नहीं पहुँचे खंडवा जिले में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण SIR2025 के महत्वपूर्ण कार्य में 20 दिन बीत जाने के बावजूद लापरवाही का मामला सामने आया है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष उत्तमपालसिंह पुरनी ने शनिवार को जिला निर्वाचन अधिकारी से औपचारिक शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि पुनरीक्षण के लिए आवश्यक निर्धारित फॉर्म अभी तक कई गांवों और बूथों तक नहीं पहुंच पाए हैं।
कांग्रेस की शिकायत: लापरवाही पर कार्रवाई की मांग
कांग्रेस जिलाध्यक्ष उत्तमपालसिंह पुरनी ने जिला निर्वाचन अधिकारी से मांग की है कि उन्होंने कहा एसआईआर फॉर्म अभी तक बूथों तक नहीं पहुंचे हैं। इसके संबंध में आवश्यक कार्रवाई की जाए।उन्होंने चेतावनी दी कि यदि तत्काल कार्रवाई नहीं होती है तो आगे की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की रहेगी।कांग्रेस का कहना है कि यह लापरवाही प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है, क्योंकि SIR प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची का शुद्धिकरण करके लोकतंत्र को सशक्त बनाना है।
क्या है मतदाता सूची पुनरीक्षण
खंडवा जिले में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया 28 अक्टूबर से शुरू हो चुकी है जो 7 फरवरी 2026 तक चलेगी।4 नवंबर से 4 दिसंबर बूथ लेवल ऑफिसर BLO घर-घर जाकर जानकारी एकत्र करेंगे। 9 दिसंबर प्रारूप मतदाता सूची का प्रकाशन किया जाएगा। 8 जनवरी 2026 तक नाम जोड़ने या संशोधन/स्थान परिवर्तन के लिए दावा/आपत्ति दर्ज कराने की अवधि। 7 फरवरी 2026 अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन किया जाएगा।शिकायत के बाद जिला प्रशासन पर अब दबाव बढ़ गया है कि वह जल्द से जल्द फॉर्म गांव और बूथों तक पहुंचाए, ताकि घर-घर गणना का कार्य निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा हो सके।
