भिंड। शहर में अटेर रोड से लेकर लहार रोड को जोड़ने वाला बहुप्रतीक्षित बायपास अब तेजी से आकार ले रहा है। 21.5 किमी लंबे इस बायपास का निर्माण भिंड के ट्रैफिक दबाव को काफी कम करेगा और शहर के भीतर लगातार बढ़ रहे जाम की समस्या से नागरिकों को राहत दिलाएगा। परियोजना पर कुल 345 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं और इसके लिए 2145 किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया है।
2023 में मिली अनुमति 2024 में शुरू हुआ वास्तविक निर्माण
बायपास परियोजना को वर्ष 2023 में स्वीकृति मिल गई थी। इसके बाद आवश्यक प्रक्रियाओं और जमीन अधिग्रहण की औपचारिकताओं के पूरा होने पर नवंबर 2024 में निर्माण का वास्तविक कार्य प्रारंभ हुआ। यह परियोजना न सिर्फ भिंड शहर बल्कि पूरे जिले के यातायात तंत्र को नया स्वरूप देने जा रही है।
17 गांवों के किसानों की जमीन अधिग्रहित
भिंड जिले के जवासा से लेकर बाराकलां–मानपुरा तक फैले इस हिस्से में कुल 17 गांवों के किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई है। इनमें जवासा, धरई, भुजपुरा, लक्ष्मीपुरा, खादर गऊघाट, कुसमार, नालीपुरा, पुर, भटमासपुरा, दबोहा, सालिगपुरा, विरधनपुरा, रहेला, बबेड़ी, जामना और मानपुरा–बाराकलां सहित कई ग्रामीण क्षेत्र शामिल हैं।
इन ग्रामीण इलाकों के बीच से होकर गुजरने वाला यह बायपास न केवल लंबे रूट को छोटा करेगा बल्कि भारी वाहनों को शहर में प्रवेश करने से रोककर मुख्य मार्गों पर दबाव कम करेगा। इससे स्थानीय निवासियों को सड़क दुर्घटनाओं और ट्रैफिक जाम से भी राहत मिलेगी।
शहर का ट्रैफिक होगा जाम रहित
अटेर और लहार की दिशा से आने-जाने वाले वाहनों को अब शहर में प्रवेश नहीं करना पड़ेगा। मुरैना–पोरसा से आने वाला यातायात भी बायपास के माध्यम से बाहर से गुजर जाएगा। इससे लहार रोड, अटेर रोड और शहर की मुख्य सड़कों पर वर्षों से चली आ रही जाम की समस्या काफी हद तक समाप्त हो जाएगी। यातायात सुचारू होने से शहर का माहौल भी अधिक सुरक्षित और स्वच्छ बनेगा।
ओवरब्रिज का काम तेज़ 60% निर्माण पूरा
बायपास पर कई महत्वपूर्ण स्थानों पर ओवरब्रिज का निर्माण किया जा रहा है ताकि हाईवे का यातायात बिना रुके सुचारू रूप से चलता रहे। दबोहा के पास भिंड–ग्वालियर हाइवे पर बड़े ओवरब्रिज का निर्माण जारी है। शिवहरे पेट्रोल पंप के पास मंगदपुरा और बबेड़ी के बीच बनने वाले ओवरब्रिज का लगभग 60 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।
एनएचएआई से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि परियोजना योजना के अनुसार गति पकड़ रही है और यदि सब कुछ ठीक रहा तो मार्च के अंतिम सप्ताह तक बायपास का विधिवत शुभारंभ करा दिया जाएगा।
पहले चरण में बैस तैयार सड़क निर्माण भी शुरू
निर्माण एजेंसी ने पहले चरण में मिट्टी और गिट्टी डालकर सड़क का बेस तैयार किया। कई स्थानों पर सड़क की संरचना बन चुकी है और अब डामरीकरण की तैयारी की जा रही है। ओवरब्रिज के साथ-साथ पूरी सड़क का निर्माण एक साथ लगातार चल रहा है ताकि परियोजना में किसी प्रकार की देरी न हो।
बायपास के दोनों ओर पौधरोपण से मिलेगा पर्यावरण संरक्षण
निर्माण एजेंसी और वन विभाग के सहयोग से बायपास के दोनों ओर पौधरोपण भी किया गया है। इससे नए मार्ग के किनारे हरित पट्टी विकसित होगी जो पर्यावरण संरक्षण और सड़क सुरक्षा दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। पौधों की नियमित सिंचाई और सुरक्षा की भी व्यवस्था की गई है ताकि वे स्थायी रूप से विकसित हो सकें।
स्थानीय विकास को मिलेगा बढ़ावा
बायपास बनने के बाद इस पूरे क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी। नई सड़क बनने से आस-पास के गांवों के लिए भिंड शहर से संपर्क आसान होगा जिससे उनके कृषि उत्पादों की आसान ढुलाई परिवहन लागत में कमी और नए व्यापारिक अवसर पैदा होंगे। इसके साथ ही भिंड–ग्वालियर रोड पर बढ़ी सुविधाओं से औद्योगिक गतिविधियों को भी लाभ पहुंचने की संभावना है।
परियोजना पूरी होने की राह
एनएचएआई लगातार निगरानी में है और प्रशासन सभी तकनीकी औपचारिकताओं पर कड़ी नज़र रख रहा है। कार्य की प्रगति को देखते हुए यह उम्मीद की जा रही है कि बायपास समय से पहले ही पूरा हो सकता है जिससे शहरवासियों को बड़ी राहत मिलेगी।
