Smartphone Microphone: आज स्मार्टफोन खरीदते समय हम सब कैमरा बैटरी प्रोसेसर और डिस्प्ले पर तो खूब ध्यान देते हैं लेकिन एक बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा हमारी नज़र से अक्सर छूट जाता है और वह है फोन में लगे माइक्रोफोन। दिलचस्प बात यह है कि ज्यादातर आधुनिक स्मार्टफोन में एक नहीं बल्कि दो या तीन माइक्रोफोन तक लगाए जाते हैं। अब सवाल यह है कि जब एक माइक्रोफोन से भी आवाज़ रिकॉर्ड हो सकती है तो फिर स्मार्टफोन कंपनियां कई माइक्रोफोन क्यों लगाती हैं। इस तकनीक का राज जानकर आप वाकई हैरान रह जाएंगे।
सबसे पहले समझिए कि फोन में सिर्फ आवाज़ रिकॉर्ड करना ही मायने नहीं रखता बल्कि साफ और शोर रहित आवाज़ रिकॉर्ड करना सबसे बड़ा लक्ष्य होता है। यही कारण है कि डुअल या ट्रिपल माइक्रोफोन सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है। फोन का पहला माइक्रोफोन आपकी सीधी आवाज़ पकड़ता है जबकि दूसरा आपके आसपास के माहौल का शोर रिकॉर्ड करता है। इसके बाद फोन की साउंड प्रोसेसिंग तकनीक दोनों सिग्नलों की तुलना करती है और बैकग्राउंड शोर को हटाकर आपकी आवाज़ को स्पष्ट बना देती है। इस तकनीक को नॉइज़ कैंसलेशन कहा जाता है और यह कॉलिंग से लेकर वॉयस मैसेज और वीडियो रिकॉर्डिंग तक हर स्थिति में बेहद जरूरी है।
वीडियो रिकॉर्डिंग के दौरान यह तकनीक और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। जब आप किसी वीडियो को रिकॉर्ड करते हैं तो आपके इधर उधर चलने के कारण आवाज़ की दिशा और टोन बदल सकती है। दो माइक्रोफोन मिलकर स्टीरियो ऑडियो तैयार करते हैं जिससे वीडियो में आपकी आवाज़ प्राकृतिक और बैलेंस्ड सुनाई देती है। किसी भी व्लॉगर या कंटेंट क्रिएटर के लिए यह फीचर बेहद लाभदायक होता है क्योंकि यह बिना किसी अतिरिक्त माइक्रोफोन के भी लगभग स्टूडियो क्वालिटी जैसा अनुभव देता है।
आजकल स्मार्टफोन वॉयस कमांड पर भी काफी निर्भर हो चुके हैं। चाहे गूगल असिस्टेंट हो या सिरी फोन को आपकी आवाज़ की पहचान हर समय करनी होती है। दो माइक्रोफोन की वजह से फोन दूर से कही गई आवाज़ को भी पहचान लेता है चाहे कमरे में हलचल हो या संगीत चल रहा हो फोन आपकी हेलो गूगल को आसानी से पकड़ लेता है। इससे फोन की वॉयस रिकग्निशन क्षमता बढ़ जाती है और आपका अनुभव काफी बेहतर हो जाता है।
कॉलिंग के दौरान डुअल माइक्रोफोन की एक और बड़ी भूमिका सामने आती है। कई बार कमरे में मौजूद खालीपन या दीवारों से टकराकर आवाज़ में इको बन जाता है। सेकेंडरी माइक्रोफोन ऐसे इको को पहचानकर खत्म करता है ताकि कॉल के दौरान आपकी आवाज़ साफ और प्राकृतिक सुनाई दे। इससे बातचीत बिल्कुल स्पष्ट लगती है और सामने वाला व्यक्ति आपकी आवाज़ बिना किसी रुकावट के सुन पाता है।
आउटडोर लोकेशन पर हवा का तेज बहना या ट्रैफिक की भारी आवाज़ अक्सर ऑडियो रिकॉर्डिंग को खराब कर देती है। दूसरे माइक्रोफोन का काम ऐसे तेज विंड नॉइज़ को कंट्रोल करना है। स्मार्टफोन के अंदर मौजूद एल्गोरिदम हवा की धड़कती हुई आवाज़ को पहचानकर उसे फिल्टर कर देते हैं जिससे आवाज़ साफ सुनाई देती है। इस वजह से आप सड़क पर चलते हुए या यात्रा करते हुए भी बिना शोर वाली रिकॉर्डिंग कर सकते हैं।
इन सभी फीचर्स को समझने के बाद यह बात साफ हो जाती है कि फोन में लगे दो या तीन माइक्रोफोन सिर्फ आवाज़ रिकॉर्ड करने के लिए नहीं बल्कि आपकी आवाज़ को बेहतरीन और प्रोफेशनल तरीके से कैप्चर करने के लिए लगाए जाते हैं। चाहे कॉलिंग हो वीडियो रिकॉर्डिंग हो या वॉयस कमांड हर स्थिति में यह माइक्रोफोन एक साथ मिलकर आपको सर्वश्रेष्ठ अनुभव देने के लिए काम करते हैं।
