नई दिल्ली । बिहार की राजनीति में आज एक ऐतिहासिक दिन है, जब नीतीश कुमार 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे हैं। पटना के गांधी मैदान में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह को लेकर भारी उत्साह और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। इस समारोह में देशभर के प्रमुख नेता, मुख्यमंत्री और राजनीतिक हस्तियां हिस्सा लेंगी, जिससे यह एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटना बन गई है।
शपथ ग्रहण समारोह आज, गुरुवार को सुबह 11:30 बजे पटना के गांधी मैदान में भव्य तरीके से आयोजित होगा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, और बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा सहित केंद्र सरकार के कई प्रमुख नेता मौजूद रहेंगे। समारोह को और भी भव्य बनाने के लिए दो अलग-अलग मंच तैयार किए गए हैं, जहां से इस ऐतिहासिक आयोजन का लाइव प्रसारण होगा।
इस समारोह में 11 बीजेपी और NDA शासित राज्यों के मुख्यमंत्री सहित 150 से ज्यादा मेहमानों को आमंत्रित किया गया है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, इस शपथ ग्रहण समारोह से राज्य की राजनीति में नए समीकरण बनने की संभावना है, खासकर जब नीतीश कुमार के साथ दो उपमुख्यमंत्री भी शपथ लेंगे। बीजेपी के वरिष्ठ नेता विजय कुमार सिन्हा और ओबीसी नेता सम्राट चौधरी को बिहार के नए डिप्टी सीएम के रूप में शपथ दिलाई जाएगी।
नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह में कई VVIP नेताओं का आगमन होगा। इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश सीएम शिवराज सिंह चौहान, महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस, और दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल जैसे दिग्गज नेता शामिल हैं।
इसके अलावा, गांधी मैदान और आसपास के क्षेत्रों में यातायात मार्गों में बदलाव किए गए हैं। पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं, ताकि कोई भी अप्रिय घटना न हो। राज्य सरकार के कार्यवाहक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को शपथ ग्रहण की तैयारियों की समीक्षा की थी और सभी व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया।
वहीं, नीतीश कुमार ने बुधवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और राज्यपाल को समर्थन पत्र सौंपते हुए NDA के साथ सरकार बनाने का दावा किया था। इसके बाद, NDA के घटक दलों ने नीतीश कुमार को विधायक दल का नेता चुन लिया, जबकि भाजपा ने सम्राट चौधरी को अपने विधायक दल का नेता मनोनीत किया।
यह शपथ ग्रहण समारोह बिहार की राजनीति में एक नई दिशा का संकेत दे रहा है, जो राज्य की राजनीतिक तस्वीर को बदल सकता है।
