नई दिल्ली। राजधानी भोपाल में छात्रों की गुंडागर्दी का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। मंगलवार रात मिसरोद स्थित मैजिक स्पॉट कैफे में सेज कॉलेज के 20 से अधिक छात्रों के एक समूह ने तलवारों और डंडों से लैस होकर हमला बोल दिया और जमकर तोड़फोड़ मचाई। यह हमला कॉलेज के दो गुटों के बीच चल रही पुरानी रंजिश और मारपीट का बदला लेने के लिए किया गया था।
पूरी प्लानिंग से कैफे पर हमला
पुलिस जाँच के अनुसार हमले की जड़ 16 नवंबर को हुई एक घटना से जुड़ी है। आरोपी छात्र योगेंद्र सिंह का विवाद मिसरोद निवासी अभिषेक ठाकुर से चल रहा था।16 नवंबर को कटारा हिल्स में अभिषेक ठाकुर ने अपने साथियों सक्षम और मोहित के साथ मिलकर योगेंद्र सिंह की पिटाई की थी।अपनी पिटाई का बदला लेने के लिए योगेंद्र ने 18-20 साथियों को इकट्ठा किया। उसे पता था कि अभिषेक शाम को मैजिक स्पॉट कैफे में आता है।जब योगेंद्र का गुट कैफे पहुँचा तो अभिषेक सक्षम और मोहित वहाँ नहीं मिले। इसके बाद गुस्से में छात्रों ने वहाँ रखी कुर्सियों, मेजों और अन्य सामानों में तोड़फोड़ कर दी और दहशत फैलाते हुए फरार हो गए।
ग्राहकों में फैली दहशत
हमले के वक्त कैफे में कई ग्राहक मौजूद थे। तलवारों और डंडों से लैस छात्रों के गुट को देखकर कैफे में भगदड़ मच गई। सभी ग्राहक और कर्मचारी दहशत में अपनी जान बचाकर भागे। इस पूरी वारदात का दृश्य कैफे में लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गया।
-नामजद आरोपी गिरफ्तार, तलाश जारी
मिसरोद थाना पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मुख्य आरोपियों की पहचान की पुलिस ने बुधवार को योगेंद्र सिंह, वासु गुप्ता और ऋषभ सहित पाँच नामजद छात्रों को गिरफ्तार कर लिया है।इन सभी के खिलाफ तोड़फोड़ और बलवा की धाराओं में केस दर्ज किया गया है।पुलिस का कहना है कि गुट में शामिल अन्य आरोपी छात्रों की तलाश तेजी से की जा रही है और उन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।मिसरोद कैफे जैसी घटनाओं और पूर्व में सामने आए गंभीर अपराधों जैसे गैंगरेप और हत्या के मामले के बाद भोपाल पुलिस और प्रशासन ने छात्रों के बीच हिंसा और अपराध को रोकने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए हैं
-अपराधियों पर त्वरित दंडात्मक कार्रवाई
मिसरोद कैफे तोड़फोड़ मामले में पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मुख्य आरोपियों योगेंद्र सिंह, वासु गुप्ता, ऋषभ सहित 5 छात्र को तुरंत गिरफ्तार कर लिया। ऐसे मामलों में त्वरित गिरफ्तारी अन्य छात्रों के लिए एक मजबूत संदेश देती है।मारपीट, तोड़फोड़ और बलवा जैसी गंभीर धाराओं के तहत मामले दर्ज किए जाते हैं जिससे आरोपियों को आसानी से ज़मानत मिलना मुश्किल हो जाता है।
-बुलडोजर कार्रवाई अतिक्रमण/अपराध के खिलाफ
हाल के महीनों में कॉलेज की छात्राओं के साथ रेप और ब्लैकमेलिंग जैसे गंभीर अपराधों में शामिल पाए गए छात्रों के अवैध निर्माणों पर प्रशासन द्वारा बुलडोजर चलाकर ध्वस्त करने की कार्रवाई की गई है।यह कार्रवाई हालांकि सीधे गुटबाजी के खिलाफ नहीं है लेकिन यह स्पष्ट संदेश देती है कि आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने वाले छात्रों और उनके परिवारों पर आर्थिक और सामाजिक दबाव बनाया जाएगा।
-पुलिस कस्टडी में मौत पर जाँच
हाल ही में पिपलानी क्षेत्र में एक इंजीनियरिंग छात्र उदित गायकवाड़ की कथित तौर पर पुलिसकर्मियों की पिटाई से हुई मौत के मामले में, दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया और उनके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया।इस तरह की कार्रवाई पुलिस को भी कानून के भीतर रहने और निर्दोष छात्रों के प्रति बल का उपयोग न करने के लिए जवाबदेह बनाती है।
-तकनीकी कार्रवाई
गुटबाजी या धमकी के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करने वाले छात्रों पर साइबर सेल द्वारा निगरानी रखी जाती है और ज़रूरत पड़ने पर कार्रवाई की जाती है। फिलहाल, पुलिस का मुख्य फोकस सख्त कानूनी प्रतिक्रिया देने और अपराध की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए दोषियों को तुरंत गिरफ्तार करने पर है, ताकि कॉलेज परिसरों के आसपास शांति और कानून-व्यवस्था बनी रहे।
