नई दिल्ली। शुक्रवार की सुबह पश्चिम बंगाल के लोगों के लिए सामान्य नहीं रही क्योंकि अचानक धरती हिली और कुछ सेकंड के लिए पूरा माहौल दहशत में बदल गया। यह भूकंप बांग्लादेश के नरसिंगडी इलाके से 13 किलोमीटर दक्षिण दक्षिण पश्चिम में आया जिसकी तीव्रता 5.6 मापी गई। भूकंप का केंद्र बेहद कम गहराई यानी केवल 10 किलोमीटर पर था जिससे इसके झटके बड़े क्षेत्र में महसूस हुए और कई शहरों तथा कस्बों का जीवन थोड़ी देर के लिए ठहर गया।
कोलकाता में सुबह की हलचल शुरू ही हुई थी कि इमारतें अचानक थरथराने लगीं। लोग पहले तो समझ नहीं पाए कि यह क्या हो रहा है लेकिन कुछ ही पलों में सभी सड़कों पर निकल आए। कोलकाता के अलावा मालदा कूचबिहार नादिया दक्षिण दिनाजपुर और सिलीगुड़ी में भी लोगों ने स्पष्ट तौर पर झटके महसूस किए। कई जगहों पर निवासी घबराकर घरों ऑफिसों और बाजारों से बाहर आ गए और कुछ देर तक खुले मैदानों या गलियों में खड़े रहे।
भूकंप का असर देखने के बाद क्षेत्रीय प्रशासन तुरंत अलर्ट हो गया और अधिकारियों ने स्थिति पर नज़र रखना शुरू कर दिया। राहत की बात यह रही कि शुरुआती रिपोर्टों में किसी बड़े नुकसान या चोट की जानकारी सामने नहीं आई। फिर भी विशेषज्ञों ने बताया कि भूकंप की गहराई कम होने के कारण इसकी तरंगें तेजी से फैलीं और काफी दूर तक महसूस की गईं। यही वजह रही कि भले ही झटके थोड़े समय के लिए थे पर लोगों ने उन्हें स्पष्ट रूप से महसूस किया।
निवासियों ने इस भूकंप को बेहद अचानक और तेज बताया। कई लोग अपने रोजाना के कामों में व्यस्त थे और जैसे ही झटके लगे सब कुछ कुछ क्षणों के लिए अजीब सा महसूस होने लगा। कुछ लोग नाश्ता बना रहे थे कुछ स्कूल या ऑफिस जाने की तैयारी में थे और कुछ दुकानें खोल रहे थे। अचानक जमीन के डोलने से लोगों में घबराहट फैल गई। सोशल मीडिया पर भी कुछ ही मिनटों में भूकंप से जुड़ी पोस्ट और वीडियो आने लगे जिनमें लोग अपने अनुभव साझा कर रहे थे।
जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंस यानी GFZ के अनुसार यह भूकंप 04:38 UTC पर आया और इसका असर सीमा पार भारत में भी महसूस हुआ। इसकी दिशा और तरंगों के फैलाव को देखते हुए विशेषज्ञों ने आगे भी सतर्क रहने की सलाह दी है। वहीं भारत के नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी यानी NCS ने यह जानकारी दी कि बांग्लादेश में आया यह भूकंप कुछ ही समय पहले पाकिस्तान और अफगानिस्तान में दर्ज किए गए दो मध्यम तीव्रता वाले भूकंपों के बाद आया है जिससे क्षेत्र में लगातार भूगर्भीय गतिविधि बढ़ी हुई है।
कोलकाता और आसपास के क्षेत्रों में भूकंप का अनुभव करने वाले लोगों ने बताया कि इमारतों की खिड़कियां हिलने लगीं पंखे डोलने लगे और कुछ जगहों पर दीवारों से हल्की आवाज़ें आने लगीं। हालांकि इन सब के बीच शहर की गतिविधियां फिर से धीरे धीरे सामान्य होने लगीं। स्कूल कॉलेज ऑफिस और बाजार कुछ समय बाद अपनी दैनिक रफ्तार में लौट आए पर लोगों के मन में थोड़ी दहशत बनी रही।
स्थानीय प्रशासन ने निवासियों से शांत रहने और आधिकारिक निर्देशों का पालन करने की अपील की है। विशेषज्ञों ने कहा है कि कम गहराई वाले भूकंप अक्सर इस तरह के झटके पैदा करते हैं और जरूरत पड़ने पर त्वरित सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
भूकंप ने एक बार फिर यह याद दिला दिया कि प्राकृतिक आपदाएं बिना चेतावनी के आ सकती हैं और सतर्क रहना हमेशा जरूरी है। हालांकि इस घटना में कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ पर लोगों के अनुभव और भय की intensity ने इसे एक यादगार सुबह बना दिया जो लंबे समय तक लोगों की चर्चा का विषय रहेगी।
