इंदौर । इंदौर पुलिस ने एक तगड़ी कार्रवाई करते हुए तमिलनाडु के तीन शातिर चोरों को गिरफ्तार किया है, जो हॉस्टल और पीजी से मोबाइल लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान चुराने का काम करते थे। इन बदमाशों ने अपने अपराध को अंजाम देने के लिए न सिर्फ तकनीकी जुगाड़ों का इस्तेमाल किया, बल्कि अपनी पहचान को छुपाने के लिए एआई का भी सहारा लिया। यह गिरोह महू में अपना ठिकाना बनाकर इंदौर के विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय था। पुलिस द्वारा की गई जांच और कार्यवाही में पता चला कि यह गिरोह रोज़ाना सुबह ट्रेन से इंदौर आता था और हॉस्टल्स और पीजी में मोबाइल लैपटॉप टैबलेट जैसे महंगे इलेक्ट्रॉनिक सामान चुरा लेता था। पुलिस ने इनके पास से 18 मोबाइल 10 लैपटॉप और टैबलेट बरामद किए हैं जिनका मूल्य लाखों में आंका गया है।
गूगल मैप और एआई का इस्तेमाल
इस गिरोह के सदस्य अपनी चोरियों को अंजाम देने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते थे। वे गूगल मैप्स से हॉस्टल की लोकेशन और एंट्री पॉइंट की जानकारी निकालते थे जिससे वे आसानी से चोरी के लिए उपयुक्त समय और स्थान का चुनाव कर पाते थे। इसके अलावा अपनी पहचान को छुपाने के लिए उन्होंने एआई तकनीक का सहारा लिया था। ये बदमाश एआई के माध्यम से भाषा को लोकल टोन में बदलकर अपनी बात करते थे, ताकि वे किसी भी संदिग्ध स्थिति में अपनी असल पहचान छुपा सकें और पुलिस की पकड़ में ना आएं। यह एक नया तरीका था जिसका इस्तेमाल अब तक इस तरह की चोरियों में नहीं देखा गया था।
चोरों का तरीका और गिरफ्तारी
यह गिरोह अपने ठिकाने के रूप में महू का इस्तेमाल कर रहा था जो इंदौर के पास स्थित एक छोटा सा शहर है। महू से वे रोज़ाना ट्रेन से इंदौर आते थे और अपने निशाने पर रहने वाले हॉस्टल और पीजी से महंगे सामान चुराते थे। जब पुलिस ने इनके खिलाफ जांच शुरू की तो यह मालूम हुआ कि ये बदमाश गूंगा बहरा बनने का नाटक करते थे जब पुलिस ने उन्हें पकड़ने के लिए दबाव डाला। एक आरोपी ने तो पुलिस की पूछताछ के दौरान गूंगा बहरा बनने का बहाना बना लिया था लेकिन सख्ती से पूछताछ करने पर उसने अपनी पूरी कहानी उगल दी। पुलिस ने इन शातिरों के महू स्थित रूम पर छापा मारा, तो वहां से लैपटॉप का ढेर मिला, जो इन्होंने हाल ही में चुराए थे। आरोपियों के पास से बरामद सामान में 18 मोबाइल फोन 10 लैपटॉप और टैबलेट शामिल थे। पुलिस ने इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 380 चोरी और अन्य संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है।
आरोपी और उनका रैकेट
पुलिस ने जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया उनके नाम मुथीयानथन मगेन्द्रन और दीपक हैं और ये सभी तमिलनाडु के वेलूर जिले के रहने वाले हैं। इनकी गिरफ्तारी ने पुलिस को एक और तथ्य उजागर किया यह गिरोह केवल इंदौर ही नहीं बल्कि आसपास के अन्य शहरों में भी इसी तरह की चोरियों को अंजाम दे चुका था। इन बदमाशों का पूरा नेटवर्क अत्यंत संगठित था और उन्होंने बहुत चालाकी से अपनी पहचान छुपाने की कई तकनीकी विधियां अपनाई थीं।
पुलिस की सराहनीय कार्रवाई
इंदौर पुलिस की इस कार्रवाई को लेकर वरिष्ठ अधिकारी डीसीपी जोन 4 आनंद कलादगी ने कहा कि इस तरह के अपराधों पर रोक लगाने के लिए पुलिस अपनी हर संभव कोशिश कर रही है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने इन आरोपियों को पकड़ने के लिए कई गुप्त सूचना स्रोतों का इस्तेमाल किया और अंतत उन्हें महू में उनके ठिकाने पर छापा मारकर गिरफ्तार कर लिया। इस गिरफ्तारी से इंदौर में होने वाली चोरी की घटनाओं में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है क्योंकि इस गिरोह ने न केवल चोरी की घटना को अंजाम दिया बल्कि अपनी चोरियों को लेकर बहुत ही तकनीकी और आधुनिक तरीका अपनाया था।
पुलिस की यह कार्रवाई अन्य अपराधियों के लिए चेतावनी साबित होगी कि इस तरह के शातिर गिरोहों से निपटने के लिए कानून पूरी तरह से सख्त है। यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि अपराधी अब केवल पुराने तरीकों से नहीं बल्कि नये तकनीकी उपायों का सहारा लेकर अपनी पहचान छुपाने की कोशिश करते हैं। पुलिस के लिए ऐसे शातिरों को पकड़ना किसी चुनौती से कम नहीं है लेकिन जैसे जैसे तकनीकी जानकारी और संसाधन बढ़ रहे हैं अपराधियों को पकड़ने में भी अब उतनी ही तेजी से काम किया जा रहा है।
