नई दिल्ली।सर्दियां दस्तक दे चुकी हैं और इसके साथ ही दिल्ली–एनसीआर की हवा एक बार फिर ज़हरीली होती जा रही है। कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स AQI बहुत खराब से गंभीर श्रेणी तक पहुँच गया है। हवा में मौजूद PM2.5 और PM10 जैसे सूक्ष्म कण न केवल वातावरण को दूषित कर रहे हैं, बल्कि लोगों के फेफड़ों और पूरे श्वसन तंत्र पर सीधा हमला भी कर रहे हैं। डॉक्टरों और विशेषज्ञों ने साफ चेतावनी दी है कि मौजूदा हालात बेहद चिंताजनक हैं और इससे बचाव का एक ही तरीका है-सावधानी। ऐसे वातावरण में अपनी और अपने परिवार की सेहत को सुरक्षित रखना एक चुनौती बन गया है लेकिन कुछ सरल उपाय आपके जोखिम को काफी कम कर सकते हैं।
1. घर के अंदर बनाएँ सेफ ज़ोन
जब बाहरी हवा जहरीले प्रदूषण से भरी हो, तो घर के भीतर की हवा को सुरक्षित बनाना जरूरी है। खिड़कियाँ और दरवाज़े बंद रखें ताकि दूषित हवा अंदर न आ सके। घर में एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें-यह हवा में मौजूद हानिकारक कणों और बैक्टीरिया को काफी हद तक कम कर देता है। यदि संभव हो तो एक कमरे को क्लीन एयर ज़ोन बना लें जहाँ परिवार के सदस्य साफ हवा में समय बिता सकें।
2. आउटडोर एक्सरसाइज से दूरी बनाएँ
प्रदूषण भरे दिनों में सुबह–शाम बाहर जाकर दौड़ना, जॉगिंग करना या साइकिल चलाना फेफड़ों पर अतिरिक्त दबाव डालता है। तेज़ सांसों के साथ शरीर ज़हरीली हवा को ज्यादा मात्रा में अंदर लेता है, जिससे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, सांस फूलना और एलर्जी का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में योग, स्ट्रेचिंग, मिड-इंटेंसिटी वर्कआउट या स्किपिंग जैसे इनडोर विकल्प अपनाना बेहतर है।
3. बाहर निकलते समय मास्क पहनना न भूलें
प्रदूषण के समय सिर्फ मास्क पहनना ही काफी नहीं, सही मास्क पहनना जरूरी है। बाहर निकलते समय हमेशा N95 या KN95 मास्क का उपयोग करें-ये सूक्ष्म PM2.5 कणों को काफी हद तक रोकते हैं। साधारण कपड़े वाले मास्क प्रदूषण से बचाव नहीं करते और आपको सुरक्षित दिखाते जरूर हैं, लेकिन सुरक्षा नहीं देते। हर बार बाहर जाने से पहले मास्क पहनने की आदत बना लें।
4. AQI की रोज़ाना निगरानी करें
अपने इलाके की एयर क्वालिटी पर नजर रखना बेहद महत्वपूर्ण है। मोबाइल ऐप, वेदर वेबसाइट, समाचार चैनल और सरकारी प्लेटफॉर्म पर एयर क्वालिटी अपडेट लगातार उपलब्ध रहते हैं। AQI रिपोर्ट देखकर यह तय करना आसान हो जाता है कि बाहर निकलना सुरक्षित है या नहीं। यदि AQI 300 से ऊपर पहुँचे, तो बुजुर्गों, बच्चों और अस्थमा से पीड़ित लोगों को बाहर जाने से बचना चाहिए।
5. खानपान से बढ़ाएँ फेफड़ों की क्षमता
प्रदूषण से लड़ने की क्षमता बढ़ाने के लिए शरीर को अंदर से मजबूत होना जरूरी है। हरी पत्तेदार सब्जियाँ, विटामिन C से भरपूर फल, अखरोट, बादाम, दालें, हेल्दी फैट, हल्दी वाला दूध और ग्रीन टी फेफड़ों को पोषण देने में मददगार होते हैं। पर्याप्त पानी पीना भी उतना ही जरूरी है, क्योंकि यह शरीर से हानिकारक तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है। तला-भुना और भारी भोजन कम करें ताकि शरीर पर अतिरिक्त बोझ न पड़े।
क्यों जरूरी है सावधानी?
दीर्घकालिक प्रदूषण से खांसी, सांस लेने में दिक्कत, आँखों में जलन, त्वचा एलर्जी, गले में खराश, सीने में जकड़न और यहां तक कि फेफड़ों के दीर्घकालिक रोग तक होने का खतरा रहता है। बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं के लिए यह हवा और भी खतरनाक है। विशेषज्ञों का कहना है कि समय पर उठाए गए ये छोटे कदम आपकी और आपके प्रियजनों की सेहत को गंभीर जोखिम से बचा सकते हैं। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण से लड़ना आसान नहीं लेकिन जागरूकता और सावधानी से आप इसके नुकसान को काफी हद तक कम कर सकते हैं।
