नई दिल्ली। बिहार की राजनीति में बदलाव के साथ ही उपमुख्यमंत्री और नए गृह मंत्री सम्राट चौधरी की सैलरी और भत्तों में बड़ा उछाल देखने को मिला है। लगभग बीस साल तक गृह मंत्रालय का भार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार संभालते रहे थे और अब यह अहम जिम्मेदारी सम्राट चौधरी को मिली है। नई भूमिका मिलते ही उनका मासिक वेतन और सुविधाएं सामान्य विधायक के मुकाबले लगभग एक लाख रुपये अधिक हो गई हैं। उनकी बढ़ी हुई तनख्वाह का आधार अप्रैल 2025 में लिया गया वह कैबिनेट फैसला है जिसमें मंत्रियों के वेतन और भत्तों में तीस प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी। ऐसे में राजनीतिक कद बढ़ने के साथ आर्थिक पैकेज भी मजबूत हुआ है।
मंत्री बने सम्राट चौधरी का नया मासिक पैकेज
मुख्यमंत्री सचिवालय द्वारा जारी वर्तमान वेतन संरचना के अनुसार किसी मंत्री को मिलने वाले मूल वेतन और भत्तों का संयोजन उनके कुल पैकेज को लगभग ढाई लाख रुपये के स्तर पर पहुँचा देता है। उनका मूल वेतन पैंसठ हजार रुपये है। इसके साथ उन्हें क्षेत्रीय भत्ते के रूप में सत्तर हजार रुपये की अतिरिक्त राशि मिलती है। इस आधार पर उनकी कुल तय मासिक राशि एक लाख पैंतीस हजार रुपये बनती है। इसके अलावा मंत्री को प्रतिदिन साढ़े तीन हजार रुपये का दैनिक भत्ता मिलता है। उपमंत्री के रूप में सम्राट चौधरी को उन्तीस हजार रुपये का गेस्ट अलाउंस भी मिलता है। दैनिक भत्तों को छोड़ कर बाकी भत्तों को जोड़ने पर उनका कुल पैकेज लगभग ढाई लाख रुपये तक पहुँच जाता है। यह राशि उन्हें गृह मंत्री के रूप में मिली नई जिम्मेदारियों के अनुरूप है।
MLA के मुकाबले इतना ज्यादा वेतन कैसे
बिहार में एक सामान्य विधायक का कुल मासिक वेतन और भत्ता लगभग डेढ़ लाख रुपये तक होता है। यानी सम्राट चौधरी के मंत्री पद का पैकेज विधायक के पैकेज से लगभग एक लाख रुपये अधिक है।
यह बढ़ोतरी सिर्फ मूल वेतन की वजह से नहीं बल्कि उन अतिरिक्त भत्तों के कारण हुई है जो मंत्री पद के साथ मिलते हैं। क्षेत्रीय भत्ते में वृद्धि दैनिक भत्ते में इजाफा और गेस्ट अलाउंस जैसी अतिरिक्त सुविधाएं कुल सैलरी को MLA से काफी ऊँचा बना देती हैं।
मंत्री बनने के बाद मिलने वाली इन आर्थिक सुविधाओं का उद्देश्य जिम्मेदारी की प्रकृति और प्रोटोकॉल में होने वाली बढ़ोतरी के अनुरूप मान दे पाना है।
पद के साथ मिलता है शाही प्रोटोकॉल
सिर्फ सैलरी ही नहीं बढ़ती बल्कि मंत्री बनने के बाद कई महत्वपूर्ण सुविधाएं और प्रोटोकॉल भी मिलते हैं। सम्राट चौधरी को गृह मंत्री के रूप में यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर हवाई जहाज या विशेष ट्रेन का उपयोग करने की सुविधा मिलती है जिसका खर्च ट्रैवल भत्ते के रूप में अलग से दिया जाता है। इसके अलावा सुरक्षा का दायरा काफी बढ़ जाता है। आधिकारिक आवास का स्तर भी सामान्य विधायकों की तुलना में अधिक सुसज्जित और सुरक्षित होता है। प्रशासनिक प्रोटोकॉल भी कहीं ज्यादा उच्च स्तर का हो जाता है जिसमें अधिकारियों की बड़ी टीम और सरकारी मशीनरी का पूरा सहयोग शामिल होता है।
इन सभी सुविधाओं के साथ गृह मंत्री बनने के बाद सम्राट चौधरी का राजनीतिक कद स्पष्ट रूप से बढ़ा है और उसी के अनुरूप उनकी वित्तीय स्थिति मजबूत हुई है। अंत में साफ दिखता है कि मंत्री पद सिर्फ राजनीतिक जिम्मेदारी ही नहीं बढ़ाता बल्कि आर्थिक सुविधा और सरकारी प्रोटोकॉल में भी बड़ा परिवर्तन लाता है। सम्राट चौधरी के मामले में यह उछाल न केवल उनके नए पद का असर है बल्कि उस वेतन वृद्धि का परिणाम भी है जो अप्रैल 2025 में लागू की गई थी। नई जिम्मेदारियों के साथ यह बढ़ी हुई सुविधाएं यह दर्शाती हैं कि गृह मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण विभाग की कमान संभालना कितना बड़ा और प्रभावशाली कदम है।
