नई दिल्ली। बढ़ते प्रदूषण को काबू में लाने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग CAQM ने दिल्ली-एनसीआर में बड़ा कदम उठाया है। आयोग ने आदेश जारी कर कहा है कि 1 जनवरी 2026 से एनसीआर में ई-कॉमर्स और डिलीवरी सेवाओं में पेट्रोल और डीजल वाहनों का इस्तेमाल पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।
इस आदेश के तहत नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, गुड़गांव, फरीदाबाद और पूरे एनसीआर क्षेत्रों में अब कोई भी डिलीवरी कंपनी पेट्रोल-डीजल वाली बाइक, स्कूटर, ऑटो या छोटे चार-पहिया वाहन से सामान डिलीवर नहीं कर सकेगी। इसका सीधा असर स्विगी, जोमैटो, फ्लिपकार्ट, अमेजन, ब्लिंकिट जैसी सभी कंपनियों पर पड़ेगा, जिन्हें अपनी पूरी फ्लीट को सीएनजी या इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलना होगा।
क्यों उठाया गया यह कड़ा कदम
CAQM के अनुसार, एनसीआर में कमर्शियल और डिलीवरी वाहनों की संख्या तेज़ी से बढ़ी है। ये वाहन पूरे दिन सड़क पर चलते हैं, जिससे प्रदूषण में बड़ी मात्रा में वृद्धि होती है। इसी वजह से आयोग ने फैसला लिया कि अब डिलीवरी में सिर्फ क्लीन फ्यूल CNG और EV वाले वाहन ही इस्तेमाल किए जा सकेंगे। नियम लागू करने से पहले परिवहन विभाग ARTO ने ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ बैठक की और साफ कर दिया कि 1 जनवरी 2026 की डेडलाइन फाइनल है ।
इसे आगे नहीं बढ़ाया जाएगा
कंपनियों को अभी से अपनी फ्लीट बदलनी शुरू करनी होगी दिल्ली-एनसीआर की हवा गंभीर स्तर पर दिवाली के बाद से दिल्ली-एनसीआर में हवा की स्थिति लगातार बिगड़ रही है। कई इलाकों में AQI बेहद खतरनाक स्तर पर पहुँच गया है
जहांगीरपुरी: 438
बवाना: 431
आनंद विहार: 427
नोएडा: 396
ग्रेटर नोएडा: 380
AQI 400 के पार जाना गंभीर प्रदूषण श्रेणी माना जाता है जिससे सांस और फेफड़ों की समस्याओं का खतरा तेजी से बढ़ जाता है। प्रदूषण रोकने के लिए अब डिलीवरी में पेट्रोल-डीजल वाहन पूरी तरह हटाए जाएंगे और आने वाले दिनों में एनसीआर की सड़कों पर सिर्फ CNG और इलेक्ट्रिक वाहनों से ही डिलीवरी होती दिखेगी।