बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने शुक्रवार को अपना साझा घोषणापत्र (Joint Manifesto) जारी कर दिया। पटना के गांधी मैदान स्थित होटल मौर्या में आयोजित इस कार्यक्रम में बिहार की सियासत के लगभग सभी बड़े चेहरे मौजूद रहे। घोषणापत्र जारी करने के मौके पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा समेत एनडीए के कई प्रमुख नेता मंच पर एक साथ नजर आए।
एनडीए के इस घोषणापत्र में जनता के लिए कई बड़े वादे किए गए हैं, जिनका सीधा असर चुनावी समीकरणों पर पड़ सकता है। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि आने वाली सरकार एक करोड़ से अधिक नौकरियां और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएगी। इसके लिए राज्य के हर जिले में मेगा स्किल सेंटर स्थापित किए जाएंगे, जिससे बिहार को एक ग्लोबल स्किलिंग हब के रूप में विकसित किया जा सके।
महिलाओं को लेकर भी घोषणापत्र में कई सशक्त वादे किए गए हैं। सरकार बनने पर मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत महिलाओं को दो लाख रुपये तक की सहायता राशि दी जाएगी। साथ ही एक करोड़ महिलाओं को ‘लखपति दीदी’ बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अतिरिक्त, राज्य में ‘मिशन करोड़पति’ भी शुरू करने की घोषणा की गई है, जिसके तहत छोटे उद्यमियों और युवाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।
एनडीए के मेनिफेस्टो में अतिपिछड़ा वर्ग को लेकर भी बड़े कदम उठाने का वादा किया गया है। इसके तहत विभिन्न व्यावसायिक समूहों को 10 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट के जज की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित करने की घोषणा की गई है, जो अतिपिछड़े वर्गों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति का अध्ययन कर सशक्तिकरण के ठोस सुझाव देगी।
वहीं, दूसरी ओर महागठबंधन पहले ही 28 अक्टूबर को अपना घोषणापत्र जारी कर चुका है, जिसे उसने ‘तेजस्वी प्रण’ नाम दिया है। महागठबंधन के घोषणापत्र में पुरानी पेंशन योजना की बहाली, हर घर एक सरकारी नौकरी और 20 दिन के भीतर रोजगार कानून लाने जैसे वादे शामिल हैं।
अब एनडीए और महागठबंधन दोनों के घोषणापत्र सामने आने के बाद बिहार की सियासी फिजा और गर्मा गई है। जहां एनडीए ने विकास, महिला सशक्तिकरण और रोजगार को केंद्र में रखा है, वहीं विपक्ष ने न्याय, पेंशन और युवाओं के भविष्य पर फोकस किया है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता किसके वादों पर ज्यादा भरोसा जताती है।
