नई दिल्ली। बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार एक ऐसे ध्रुव के रूप में उभरे हैं, जिन्होंने अपनी सियासत की धुरी पर लगातार घूमते हुए राज्य की सत्ता के केंद्र में अपनी पकड़ बनाई रखी है। 2005 से लेकर अब तक बीच में संक्षिप्त अंतराल को छोड़कर मुख्यमंत्री के तौर पर उनका शासन रहा है और उन्होंने लगातार गठबंधन बदलते हुए सबसे अधिक बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने का रिकॉर्ड बनाया है। चार दशकों से अधिक राजनीतिक अनुभव रखने वाले नीतीश कुमार को सुशासन बाबू के नाम से जाना जाता है।
शुरुआती जीवन और राजनीतिक प्रवेश
नीतीश कुमार का जन्म 1 मार्च 1951 को बख्तियारपुर, पटना में हुआ। उन्होंने बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग अब एनआईटी पटना से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की। सरकारी नौकरी छोड़कर 1970 के दशक में जयप्रकाश नारायण के संपूर्ण क्रांति आंदोलन से जुड़कर उन्होंने राजनीति में कदम रखा। लालू प्रसाद यादव और रामविलास पासवान जैसे दिग्गज नेताओं के समकालीन रहे नीतीश ने 1985 में पहली बार बिहार विधानसभा का चुनाव जीतकर राजनीतिक सफर शुरू किया। 1989 में बाढ़ लोकसभा सीट से सांसद चुने गए और उसी वर्ष उन्हें जनता दल का महासचिव बनाया गया।
केंद्र में महत्वपूर्ण भूमिका (1990-2004)
नीतीश कुमार ने दिल्ली में केंद्रीय मंत्री के रूप में अपने राजनीतिक जीवन का बड़ा हिस्सा बिताया। उन्होंने कृषि, रेल और भूतल परिवहन जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय संभाले और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई।
1990: केंद्रीय मंत्रिमंडल में कृषि राज्य मंत्री
1996-1998: संसद की रक्षा समिति के सदस्य
1998-1999: केंद्रीय रेल मंत्री (अटल बिहारी वाजपेयी सरकार)
1999-2001: केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री और बाद में कृषि मंत्री
2001-2004: दोबारा केंद्रीय रेल मंत्री
बिहार के मुख्यमंत्री का सफर 2000-आज तक
नीतीश कुमार का मुख्यमंत्री पद का सफर राजनीतिक नाटकीयता और गठबंधन राजनीति का उदाहरण रहा है।
मार्च 2000: पहला कार्यकाल, केवल 7 दिन (NDA)
नवंबर 2005 – मई 2014: दूसरा और तीसरा कार्यकाल, NDA गठबंधन में ‘सुशासन बाबू’ के रूप में स्थापित
मई 2014: लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद इस्तीफा, जीतन राम मांझी बने सीएम
फरवरी 2015 – जुलाई 2017: चौथा कार्यकाल, महागठबंधन (RJD + कांग्रेस) के साथ चुनाव जीतकर सीएम बने
जुलाई 2017 – अगस्त 2022: पाँचवा कार्यकाल, NDA में वापसी
नवंबर 2020: छठा कार्यकाल, विधानसभा चुनाव के बाद NDA के नेता के रूप में CM बने
अगस्त 2022 – जनवरी 2024: सातवाँ कार्यकाल, महागठबंधन में शामिल
जनवरी 2024 – वर्तमान: आठवाँ/नौवाँ कार्यकाल, NDA में वापसी
विरासत और प्रमुख उपलब्धियाँ
नीतीश कुमार को ‘सुशासन बाबू’ के रूप में जाना जाता है। उनके शासनकाल में अपराध नियंत्रण, कानून व्यवस्था सुधार, सड़क, बिजली और शिक्षा के बुनियादी ढाँचे में सुधार शामिल हैं।
सामाजिक पहल
स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए 50% आरक्षण छात्रों के लिए साइकिल योजना जनता दल (यूनाइटेड) के प्रमुख नेता (JDU), 2003 में गठन
राजनीति में लचीलापन और रिकॉर्ड
नीतीश कुमार ने अपनी लचीली राजनीति और गठबंधन की रणनीति से सत्ता में लंबे समय तक बने रहने की अद्वितीय क्षमता दिखाई। 74 वर्ष की उम्र में भी उन्होंने बिहार की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई। वे पिछले 25 वर्षों में 9 बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं। हालांकि सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड सिक्किम के पवन कुमार चामलिंग के नाम दर्ज है, जिन्होंने 24 साल 165 दिन तक यह पद संभाला।नीतीश कुमार का राजनीतिक सफर बिहार की राजनीति में स्थायित्व, बदलाव और ‘सुशासन’ का प्रतीक बनकर उभरा है।
