नई दिल्ली।भोपाल। मध्य प्रदेश की कैबिनेट ने सोमवार को वल्लभ भवन में बैठक कर कई बड़े प्रस्तावों को मंजूरी दी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक में सबसे प्रमुख फैसलों में लाड़ली बहना योजना की 30वीं किस्त के तहत 1500 रुपए प्रति माह का वितरण शामिल है। मंत्री चेतन्य कश्यप ने बताया कि मार्च 2023 में शुरू हुई इस योजना में अब 1500 रुपए की राशि हर महीने सीधे लाभार्थी खातों में भेजी जाएगी। वित्तीय वर्ष 2025-26 में इस योजना पर 20,450 करोड़ 99 लाख रुपए का व्यय अनुमानित है।
बैठक में ओंकारेश्वर में एकात्म धाम परियोजना के लिए भी महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। आचार्य शंकर संग्रहालय “अद्वैत लोक” और अन्य निर्माण कार्यों के लिए पुनरीक्षित लागत 2424 करोड़ 369 लाख रुपए स्वीकृत की गई। इसके तहत सूचकांक में छूट भी दी जाएगी।
न्यायिक भर्ती के संबंध में कैबिनेट ने खंडवा की मांधाता तहसील में सात नए पदों के सृजन को मंजूरी दी। इसमें व्यवहार न्यायाधीश और कनिष्ठ खंड के न्यायालय के लिए पद शामिल हैं। इन पदों के लिए अनुमानित वित्तीय भार 52 लाख 76 हजार रुपए प्रति वर्ष रहेगा।
सोलर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत शासकीय भवनों पर रेस्को पद्धति से सोलर रूफटॉप संयंत्र लगाने की स्वीकृति दी गई। इस योजना में शासकीय विभागों को कोई निवेश नहीं करना होगा और ऊर्जा के उपयोग के लिए रेस्को विकासक को प्रति यूनिट भुगतान करना होगा।
कृषि क्षेत्र के लिए भावांतर योजना में भी नए बदलाव किए गए हैं। अब सोयबीन की फसल के भावों में अंतर की राशि प्रतिदिन किसानों के खातों में भेजी जाएगी। 13 नवंबर से 1 लाख 32 हजार किसानों को 300 करोड़ रुपए का भुगतान किया जाएगा।
इसके अलावा, खंडवा में नया सिविल न्यायालय खोलने, बिरसा मुंडा जयंती पर बड़े स्तर पर कार्यक्रम आयोजित करने और खरगौन के मांधाता में जिला न्यायालय खोलने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई।
एमपी सरकार ने यह भी घोषणा की कि बिजली बिलों में विसंगतियों को 30 दिसंबर तक सुधारा जा सकता है, जिससे किसानों और आम उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।
कैबिनेट के इन निर्णयों से प्रदेश में सामाजिक सुरक्षा, न्यायिक व्यवस्था, सौर ऊर्जा और कृषि क्षेत्र में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।
