नई दिल्ली, । ब्याज दरों में कटौती के बीच, जहां बैंकों की एफडी से कम रिटर्न मिल रहा है, वहीं पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग स्कीमें निवेशकों के लिए एक बेहतर विकल्प बनकर उभरी हैं। 2025 में कई प्रमुख बैंकों ने अपनी एफडी दरें घटा दी हैं, जिससे निवेशकों को केवल 6-7% रिटर्न ही मिल पा रहा है।
पोस्ट ऑफिस की योजनाएं इस समय 7% से अधिक ब्याज दरें प्रदान कर रही हैं, जो बैंकों के मुकाबले आकर्षक साबित हो रही हैं। इसके चलते आम निवेशकों में इन स्कीमों की ओर बढ़ती हुई रुचि देखने को मिल रही है, और वे तेजी से इन योजनाओं का हिस्सा बन रहे हैं।सरकार द्वारा तिमाही आधार पर संशोधित की जाने वाली पोस्ट ऑफिस स्कीमों की ब्याज दरें फिलहाल बैंक एफडी से कहीं बेहतर हैं। सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम SCSS मंथली इनकम स्कीम MIS और नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट NSC जैसी योजनाओं में 7% से अधिक ब्याज मिल रहा है जो निवेशकों के लिए आकर्षक विकल्प बन गई हैं। कुछ पोस्ट ऑफिस स्कीमों में निवेश पर आयकर लाभ भी मिलता है जो खासकर पुराने टैक्स रिजीम में निवेश करने वालों के लिए एक अतिरिक्त फायदा है। ऐसे निवेशकों के लिए ये योजनाएं न केवल अच्छा ब्याज देती हैं बल्कि टैक्स बचत के रूप में डबल फायदा भी प्रदान करती हैं।
स्कीम की जानकारी :
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प्राइवेट बैंकों के FD रेट्स:
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पब्लिक सेक्टर बैंकों के FD रेट्स:
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निवेशकों का पैसा पूरी तरह से सुरक्षित
जैसा कि हमने देखा, प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर बैंकों में बहुत कम बैंक 7% से अधिक ब्याज दरें दे रहे हैं, जबकि पोस्ट ऑफिस स्कीमों में उच्च ब्याज दर के साथ सॉवरेन गारंटी भी मिलती है।इसका मतलब है कि निवेशकों का पैसा पूरी तरह से सुरक्षित है। जहां बैंकों में 5 लाख रुपये तक की जमा राशि ही DICGC के तहत सुरक्षित रहती है, वहीं पोस्ट ऑफिस स्कीम में कोई भी राशि सरकार की गारंटी से पूरी तरह सुरक्षित होती है।
