नई दिल्ली। देश के छोटे और मंझोले (SME) कारोबारियों को केंद्र सरकार ने बड़ी राहत दी है। कारोबार शुरू करने की प्रक्रिया को आसान और तेज बनाने के लिए सरकार 1 नवंबर से “सरल जीएसटी रजिस्ट्रेशन स्कीम” (Saral GST Registration Scheme) शुरू करने जा रही है। इस स्कीम के तहत, कम जोखिम वाले व्यवसायों को जीएसटी पंजीकरण केवल तीन कार्यदिवसों के भीतर मिल जाएगा।
सरकार का यह कदम ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ (Ease of Doing Business) को बढ़ावा देने और देश के टैक्स बेस को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है।
‘सरल जीएसटी स्कीम’ की मुख्य बातें और किन्हें मिलेगा फायदा
यह नई स्कीम छोटे और कम जोखिम वाले व्यवसायों को जीएसटी सिस्टम से आसानी से जोड़ने के लिए लाई गई है।
लागू होने की तारीख1 नवंबर से शुरू।
रजिस्ट्रेशन समय-सीमाकेवल तीन कार्यदिवस (Working Days) के भीतर पंजीकरण।
किन्हें मिलेगा लाभ उन छोटे और मंझोले व्यवसायों को, जिन्हें GST सिस्टम के डेटा एनालिसिस के आधार पर “लो-रिस्क” यानी कम जोखिम वाला माना जाएगा।
ऐसे कारोबारी जो यह घोषणा करते हैं कि उनका हर महीने का कुल आउटपुट टैक्स (CGST, SGST/UTGST और IGST मिलाकर) ₹2.5 लाख से अधिक नहीं होगा।
लचीलापनकारोबारी अपनी इच्छा से इस स्कीम में शामिल हो सकते हैं और जरूरत पड़ने पर इससे बाहर भी निकल सकते हैं।जीएसटी काउंसिल ने 3 सितंबर को हुई अपनी बैठक में इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
96% नए आवेदकों को फायदा: वित्त मंत्री
गाज़ियाबाद में सीजीएसटी भवन के उद्घाटन के मौके पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस स्कीम को लेकर बड़ा बयान दिया।वित्त मंत्री ने कहा कि इस नई स्कीम से लगभग 96 प्रतिशत नए जीएसटी आवेदकों को फायदा मिलने की उम्मीद है।
उन्होंने जीएसटी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस स्कीम को तेजी से और बिना किसी रुकावट के लागू किया जाए।उन्होंने सीबीआईसी (CBIC) को यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि जीएसटी सेवा केंद्रों पर एक स्पेशल हेल्प डेस्क बनाया जाए, ताकि छोटे कारोबारियों को रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में आसानी से सहायता मिल सके।
कारोबारियों को औपचारिक अर्थव्यवस्था से जोड़ने की पहल
वर्तमान में देशभर में लगभग 1.54 करोड़ व्यवसाय जीएसटी प्रणाली के तहत पंजीकृत हैं।सरकार का मानना है कि ‘सरल स्कीम’ नए कारोबारियों को जीएसटी से जुड़ने में आसानी प्रदान करेगी, जिससे देश का टैक्स बेस भी बढ़ेगा और कर संग्रहण प्रणाली में पारदर्शिता आएगी।विशेषज्ञों के अनुसार, यह पहल ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ के विज़न का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो छोटे उद्यमों को बिना ज़्यादा कागज़ी कार्रवाई और देरी के औपचारिक अर्थव्यवस्था में लाकर उनके लिए कारोबार शुरू करना और विस्तार करना पहले से कहीं अधिक आसान बना देगा।
जीएसटी सेवा केंद्र (GST Seva Kendra) पर त्वरित जानकारी
जीएसटी सेवा केंद्र (GST Seva Kendra) का मुख्य उद्देश्य छोटे कारोबारियों और आम करदाताओं को जीएसटी से संबंधित सेवाओं के लिए एक आसान पहुँच प्रदान करना है।
1. सुविधा और सहायता का केंद्र
जीएसटी सेवा केंद्र एक प्रकार का स्पेशल हेल्प डेस्क होता है, जिसे विशेष रूप से कारोबारियों को जीएसटी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया और अन्य तकनीकी औपचारिकताओं में सहायता प्रदान करने के लिए स्थापित किया गया है।छोटे व्यवसायों को बिना किसी रुकावट या परेशानी के जीएसटी सिस्टम से जुड़ने में मदद करना, खासकर नई ‘सरल जीएसटी रजिस्ट्रेशन स्कीम’ के तहत।
प्रदान की जाने वाली सेवाएँ: ये केंद्र फॉर्म भरने, दस्तावेज़ अपलोड करने, जीएसटी रिटर्न दाखिल करने और जीएसटी से संबंधित सामान्य प्रश्नों का उत्तर देने में सहायता करते हैं।
2. ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस को बढ़ावा
जीएसटी सेवा केंद्रों की स्थापना सरकार के ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस’ (Ease of Doing Business) के विज़न का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।ये केंद्र कर प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाते हैं, जिससे कारोबारियों को जटिल प्रक्रियाओं से नहीं गुजरना पड़ता।छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों के व्यवसायों तक जीएसटी सेवाओं की पहुँच सुनिश्चित करने के लिए इन केंद्रों की भूमिका महत्वपूर्ण है, ताकि वे आसानी से औपचारिक अर्थव्यवस्था (Formal Economy) का हिस्सा बन सकें।
