नई दिल्ली। भारत सरकार ने विदेश यात्रा को और भी आसान बनाने के लिए पासपोर्ट सेवा प्रोग्राम V2.0 की शुरुआत की है। यह नया सिस्टम अब पूरे देश में लागू हो गया है और इसके तहत सभी नए पासपोर्ट और रिन्यूअल चिप वाले ई-पासपोर्ट के रूप में जारी किए जाएंगे। ई-पासपोर्ट भारतीय नागरिकता का प्रमाण होने के साथ-साथ सुरक्षित और तेज इमिग्रेशन प्रक्रिया का माध्यम भी बन गया है।
ई-पासपोर्ट प्रणाली से पासपोर्ट की सुरक्षा और प्रमाणिकता पहले से बेहतर होगी। इसमें RFID चिप शामिल होती है जो पासपोर्ट धारक की बायोमेट्रिक और व्यक्तिगत जानकारी सुरक्षित रखती है। इसके चलते विदेश यात्रा में सुरक्षा बढ़ेगी और इमिग्रेशन प्रक्रिया भी तेज होगी। नए आवेदकों को इसके लिए किसी अलग फॉर्म या ऑप्शन की जरूरत नहीं होगी।
पासपोर्ट अपग्रेड अपने आप लागू हो जाएगा और यह पूरी प्रक्रिया को सरल बनाएगा।पुराने पासपोर्ट धारकों को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। उनका पासपोर्ट वैध रहेगा और वे इसे एक्सपायरी डेट तक सामान्य रूप से उपयोग कर सकते हैं। केवल पासपोर्ट की वैधता समाप्त होने पर ही उन्हें नया चिप वाला ई-पासपोर्ट जारी किया जाएगा। इस बदलाव का उद्देश्य सुरक्षा बढ़ाना और वैश्विक मानकों के अनुरूप पासपोर्ट सिस्टम को डिजिटल बनाना है।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि ई-पासपोर्ट के लागू होने से विदेश यात्रा के दौरान यात्रियों का समय भी बचेगा। पहले की तुलना में इमिग्रेशन प्रक्रिया अब और तेज और सुगम होगी। साथ ही यह कदम अंतरराष्ट्रीय यात्रा की सुरक्षा और सुविधा दोनों में सुधार लाएगा। नए पासपोर्ट धारक अब उच्चतम सुरक्षा मानकों के साथ यात्रा कर पाएंगे और उनके व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
PSP V2.0 और ग्लोबल पासपोर्ट सेवा प्रोग्राम के तहत अब से सभी नए और रिन्यू किए गए पासपोर्ट ई-पासपोर्ट के रूप में जारी किए जाएंगे। इन पासपोर्ट के कवर पर सुनहरी चिप होगी जो पासपोर्ट धारक की बायोमेट्रिक जानकारी और व्यक्तिगत डिटेल्स को सुरक्षित रखेगी। इससे पासपोर्ट की फर्जी नकल या धोखाधड़ी की संभावना बेहद कम हो जाएगी।
सरकार का यह कदम भारतीय नागरिकों के लिए नई डिजिटल शुरुआत है। नए पासपोर्ट सुरक्षा और सुविधा में सुधार लाएंगे और पुराने पासपोर्ट धारक बिना किसी परेशानी के अपने पासपोर्ट का उपयोग जारी रख पाएंगे। इस बदलाव से विदेश यात्रा करना आसान होगा और नागरिकों को सुरक्षित और तेज सेवा उपलब्ध होगी।
ई-पासपोर्ट लागू होने के साथ ही भारत वैश्विक स्तर पर तकनीकी रूप से सक्षम पासपोर्ट सेवा प्रदान करने वाले देशों की सूची में शामिल हो जाएगा। इससे न केवल सुरक्षा बढ़ेगी बल्कि नागरिकों को आधुनिक और विश्वसनीय सेवा का लाभ मिलेगा।
