नई दिल्ली। अगर आपने हाल ही में अपना मोबाइल नंबर बदला है या पुराना सिम बंद करवाया है, तो यह खबर आपके लिए बेहद अहम है। अक्सर लोग पुराना नंबर छोड़ते समय यह सोचकर लापरवाह हो जाते हैं कि अब इसका कोई उपयोग नहीं, लेकिन यही चूक कभी-कभी आपकी डिजिटल सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकती है। क्योंकि बंद किए गए मोबाइल नंबर कुछ समय बाद दूसरे यूजर को अलॉट कर दिए जाते हैं — और तब आपकी बैंकिंग, UPI या सोशल मीडिया अकाउंट से जुड़ी जानकारी गलत हाथों में जा सकती है।
कैसे खतरे में पड़ता है आपका डेटा
टेलीकॉम कंपनियां किसी भी बंद नंबर को लगभग 90 दिनों तक निष्क्रिय रखती हैं। इस अवधि के बाद अगर वह नंबर दोबारा सक्रिय नहीं किया गया, तो इसे किसी नए यूजर को दे दिया जाता है। यही सबसे बड़ा जोखिम होता है। क्योंकि अगर आपका पुराना नंबर बैंक, व्हाट्सएप, फेसबुक, गूगल, इंस्टाग्राम या पेटीएम जैसे अकाउंट्स से जुड़ा है, तो नया यूजर उस नंबर पर आने वाले OTP, रिकवरी कोड या बैंक अलर्ट्स के जरिए आपकी निजी जानकारी तक पहुंच सकता है।
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां लोगों के पुराने नंबर से बैंक अकाउंट हैक किए गए या सोशल मीडिया हैंडल्स तक पहुंच बनाई गई। इसलिए नंबर बदलने से पहले सभी अकाउंट्स में नया नंबर अपडेट करना बेहद जरूरी है।
नया सिम लेने से पहले करें ये ज़रूरी काम
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सभी बैंक अकाउंट्स और UPI ऐप्स में नया नंबर अपडेट करें – अपने बैंक की वेबसाइट या ऐप में जाकर “Update Contact Details” विकल्प चुनें।
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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी बदलाव करें – WhatsApp, Facebook, Instagram, Gmail, Amazon, Paytm जैसी सभी सर्विसेज़ में “Change Mobile Number” या “Manage Account” सेक्शन में नया नंबर जोड़ें।
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2-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) ऑन करें – नए नंबर पर 2FA या ऑथेंटिकेटर ऐप सेट करें ताकि OTP या लॉगिन लिंक किसी और के पास न जाएं।
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पुराने सिम से लॉगआउट करें – बैंक, वॉलेट और ईमेल ऐप्स से पूरी तरह लॉगआउट करें और सिम कार्ड को डिएक्टिवेट करवा दें।
सिर्फ सिम निकालना काफी नहीं
कई यूजर सिर्फ सिम निकालकर सोचते हैं कि उनका डेटा सुरक्षित है, जबकि ऐसा नहीं होता। फोन में सहेजे गए पुराने OTP, अकाउंट लॉगिन या रिकवरी लिंक का दुरुपयोग संभव है। इसलिए अगर पुराना सिम अभी आपके पास है, तो उसे फेंकने से पहले पूरी तरह निष्क्रिय (Deactivate) करवा लें और मोबाइल डिवाइस को फैक्ट्री रीसेट करें।
छोटी लापरवाही से बड़ा नुकसान
साइबर ठग अक्सर पुराने, निष्क्रिय नंबरों का फायदा उठाकर फिशिंग और अकाउंट रिकवरी ट्रिक्स से यूजर्स की पहचान चुराते हैं। यदि आपने अपने बैंक या डिजिटल वॉलेट से जुड़ा नंबर अपडेट नहीं किया, तो नया यूजर आसानी से “Forgot Password” फीचर के ज़रिए आपके अकाउंट में लॉगिन कर सकता है।
सुरक्षित रहने के स्मार्ट उपाय
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हर तीन महीने में अपने सभी ऑनलाइन अकाउंट की सुरक्षा सेटिंग्स चेक करें।
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OTP या रिकवरी ईमेल्स किसी के साथ साझा न करें।
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सिम स्वैप या नंबर पोर्टिंग की स्थिति में बैंक को तुरंत सूचित करें।
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पासवर्ड को समय-समय पर बदलें और स्ट्रॉन्ग पासवर्ड का इस्तेमाल करें।
