राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण का संकट एक बार फिर गहराता जा रहा है। लगातार तीसरे दिन बुधवार को दिल्ली की हवा का स्तर खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया, जिससे शहर गैस चेंबर जैसी स्थिति में दिखाई दिया। प्रशासन की तमाम कोशिशों और पाबंदियों के बावजूद प्रदूषण पर काबू नहीं पाया जा सका है, जबकि गिरता पारा इस हालात को और कठिन बना रहा है।
दिल्ली की हवा में फिर मिला ज़हर
बुधवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 405 दर्ज किया गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। दिल्ली के कई प्रमुख इलाकों में तो यह आंकड़ा 450 से भी ऊपर पहुंच गया। हवा में घुलते धुएं और धूल के कारण लोगों की आंखों में जलन और सांस लेने में परेशानी जैसी शिकायतें बढ़ने लगी हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली का AQI एक दिन पहले 428 था। हालांकि बुधवार को इसमें मामूली सुधार देखा गया, फिर भी हवा की गुणवत्ता बेहद खराब बनी हुई है। पिछले सात दिनों से दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण लगातार ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ स्तर के बीच झूल रहा है।
कहां कितना दर्ज हुआ AQI?
बुधवार सुबह 8 बजे की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली का औसत AQI 405 दर्ज किया गया। वहीं पंजाबी बाग में 428, वजीरपुर में 452, आनंद विहार में 445, आईटीओ में 431, बवाना में 438 और IGI एयरपोर्ट क्षेत्र में 460 रहा — जो सबसे अधिक प्रदूषित इलाकों में शामिल हैं।
दिल्ली से सटे क्षेत्रों में भी हालात बहुत बेहतर नहीं हैं। नोएडा में AQI 391, ग्रेटर नोएडा में 376, गाजियाबाद में 369 और गुरुग्राम में 332 दर्ज किया गया। विशेषज्ञों के अनुसार, इन स्तरों पर हवा में सांस लेना बेहद हानिकारक साबित हो सकता है, खासकर बुजुर्गों, बच्चों और अस्थमा के मरीजों के लिए।
तीन इलाकों की हवा सबसे ज्यादा जहरीली
CPCB के दोपहर तीन बजे के आंकड़ों में वजीरपुर, बवाना और चांदनी चौक में AQI 450 के पार दर्ज किया गया। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि इन क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर से ऊपर’ स्तर पर पहुंच चुकी है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार, इस स्तर की हवा में लंबे समय तक रहने से फेफड़ों और हृदय से जुड़ी बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ सकता है।
पारा गिरने से बढ़ी ठंड और धुंध
प्रदूषण के साथ-साथ ठंड का असर भी अब दिल्लीवालों को महसूस होने लगा है। उत्तरी-पश्चिमी हवाओं के कारण बुधवार को न्यूनतम तापमान 10.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 3.1 डिग्री कम है। अधिकतम तापमान 27.7 डिग्री सेल्सियस रहा।
मौसम विभाग ने बताया कि अगले कुछ दिनों में तापमान में और गिरावट आने की संभावना है। गुरुवार को अधिकतम तापमान 25 से 27 डिग्री के बीच रह सकता है और सुबह के समय हल्का कोहरा छाने की संभावना है। ठंड और प्रदूषण का यह मिश्रण लोगों के लिए स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां बढ़ा रहा है।
अगले सात दिनों में राहत के आसार नहीं
दिल्ली-एनसीआर के लोगों को फिलहाल राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली के मुताबिक, अगले सात दिनों तक प्रदूषण के स्तर में कोई बड़ा सुधार होने की संभावना नहीं है। हवा की गति धीमी रहने और तापमान में गिरावट के कारण प्रदूषक तत्व वातावरण में फंसे रहेंगे, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है।
CPCB के आंकड़ों के अनुसार, बुधवार दोपहर दो बजे दिल्ली में पीएम10 का स्तर 395.2 और पीएम2.5 का स्तर 246.2 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा — जो स्वच्छ वायु मानकों से लगभग चार गुना अधिक है। यह दर्शाता है कि दिल्ली की हवा इस समय बेहद जहरीली हो चुकी है और नागरिकों के लिए स्वास्थ्य खतरा बन गई है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी
डॉक्टरों ने लोगों को सलाह दी है कि सुबह और देर शाम अनावश्यक रूप से घर से बाहर निकलने से बचें। बच्चों, बुजुर्गों और हृदय या फेफड़ों के मरीजों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। विशेषज्ञों ने मास्क के इस्तेमाल, पौधे लगाने और घरों में एयर प्यूरीफायर के उपयोग की सलाह दी है।
