नई दिल्ली । भाई दूज के मौके पर दिल्ली सरकार महिलाओं के लिए खास तोहफा देने जा रही है। दिल्ली परिवहन निगम (DTC) जल्द ही सहेली स्मार्ट कार्ड लॉन्च करने वाला है। इस कार्ड के जरिए दिल्ली की महिलाएं और ट्रांसजेंडर यात्री सरकारी बसों में और भी आसानी और सुविधाजनक तरीके से यात्रा कर सकेंगे। यह कदम सार्वजनिक परिवहन को महिला-मित्रवत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
फिलहाल डीटीसी बसों में मुफ्त यात्रा करने वाली महिलाओं को शून्य मूल्य वाली गुलाबी टिकट लेनी पड़ती है। अब सहेली स्मार्ट कार्ड के जरिए महिलाएं और ट्रांसजेंडर यात्री डिजिटल और परेशानी मुक्त यात्रा कर सकेंगे, बिना किसी कागजी टिकट के। बस में टैप करते ही यात्रा दर्ज हो जाएगी, जिससे लंबी कतारों और टिकट की झंझट से छुटकारा मिलेगा।
कौन-कौन पात्र हैं?
सहेली स्मार्ट कार्ड का लाभ केवल दिल्ली की निवासी महिलाएं और ट्रांसजेंडर यात्री ले सकते हैं। नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद समेत अन्य एनसीआर शहरों की महिलाएं और ट्रांसजेंडर, भले ही रोज़ दिल्ली आ-जा रहे हों, इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे। इसके लिए वैध निवास प्रमाण, जैसे आधार या दिल्ली का वोटर आईडी जरूरी होगा।
कैसे और कब इस्तेमाल होगा?
एक बार कार्ड बनवाने के बाद इसे आजीवन इस्तेमाल किया जा सकेगा। बार-बार नवीनीकरण की झंझट खत्म होगी। इससे न केवल यात्रा आसान होगी, बल्कि सरकारी बसों में महिलाओं और ट्रांसजेंडर यात्रियों की भागीदारी भी बढ़ेगी। टैप करने वाली सुविधा डिजिटल और तेज़ यात्रा की ओर एक बड़ा कदम है।
महिला यात्रियों के लिए खास तोहफा
भाई दूज के नज़दीक इस पहल को महिलाओं और ट्रांसजेंडर यात्रियों के लिए एक विशेष उपहार माना जा रहा है। इस स्मार्ट कार्ड के जरिए वे सरकारी बसों का इस्तेमाल सहज, सुविधाजनक और तनाव मुक्त तरीके से कर सकेंगी। दिल्ली सरकार का यह कदम दर्शाता है कि सार्वजनिक परिवहन को सुरक्षित, डिजिटल और महिला-मित्रवत बनाने की दिशा में ठोस प्रयास किए जा रहे हैं।
सहेली स्मार्ट कार्ड दिल्ली की महिलाओं और ट्रांसजेंडर यात्रियों के लिए सिर्फ सुविधा नहीं, बल्कि समानता और डिजिटल क्रांति का प्रतीक भी साबित होगा। यह पहल आने वाले समय में शहर की यात्रा संस्कृति को और अधिक सुगम और आधुनिक बनाएगी।
