भारत की असली खूबसूरती सिर्फ ताजमहल या बड़े शहरों में नहीं, बल्कि उसके गांवों में बसती है। यहां के कई गांव ऐसे हैं जो अपनी प्राकृतिक छटा, सादगी और अनूठी संस्कृति से हर सैलानी का दिल जीत लेते हैं। अगर आप शोरगुल से दूर शांत और सुकूनभरी जगह तलाश रहे हैं, तो ये पांच गांव आपकी यात्रा सूची में ज़रूर होने चाहिए — जिनकी खूबसूरती इटली या पेरिस जैसी जगहों को भी फीका कर देती है।
1. मावलिन्नांग (मेघालय)
मेघालय का मावलिन्नांग गांव एशिया का सबसे स्वच्छ गांव माना जाता है। शिलॉन्ग से करीब 90 किलोमीटर दूर बसा यह गांव प्रकृति प्रेमियों का सपना है। यहां हर गली चमकती है और हर घर हरे-भरे पेड़ों से घिरा है। लिविंग रूट्स ब्रिज, जो पेड़ों की जड़ों से बना है, यहां का मुख्य आकर्षण है। साफ-सफाई और पर्यावरण के प्रति स्थानीय लोगों की निष्ठा इसे सचमुच “भगवान का बगीचा” बनाती है।
2. जीरो (अरुणाचल प्रदेश)
अरुणाचल प्रदेश का जीरो गांव अपनी हरियाली और पारंपरिक संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। यहां की अपतानी जनजाति प्रकृति के साथ सामंजस्य में जीती है। जीरो फेस्टिवल ऑफ म्यूजिक इस गांव की सबसे बड़ी पहचान है, जहां देश-विदेश से संगीत प्रेमी उमड़ते हैं। शांत घाटियां और बांस के जंगल इस जगह को प्राकृतिक सौंदर्य का प्रतीक बनाते हैं।
3. माना (उत्तराखंड)
उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित माना गांव को भारत का आखिरी गांव कहा जाता है। बर्फ से ढकी चोटियां, भागीरथी नदी का संगम और बद्रीनाथ धाम की पवित्रता इसे खास बनाती है। यहां की “भारत की अंतिम चाय की दुकान” हर पर्यटक की सूची में शामिल होती है। यह जगह धार्मिकता और रोमांच दोनों का सुंदर मेल है।
4. खिमसर (राजस्थान)
थार मरुस्थल के किनारे बसा खिमसर गांव रेगिस्तान की रेत और राजस्थानी संस्कृति का अद्भुत मिश्रण है। यहां के किले, डेजर्ट सफारी और ऊंट की सवारी पर्यटकों को एक अनोखा अनुभव देते हैं। सूर्यास्त के समय सुनहरी रेत का दृश्य इस गांव का सबसे जादुई पल होता है। शांत वातावरण और पारंपरिक मेहमाननवाज़ी इसे राजस्थान का गर्व बनाते हैं।
5. कैनाकरी (केरल)
केरल के कुट्टनाड इलाके का कैनाकरी गांव बैकवॉटर, झीलों और नारियल के पेड़ों के लिए प्रसिद्ध है। यहां की हाउसबोट यात्रा, धान के खेत और जलमार्गों का सौंदर्य मन को सुकून देता है। यह गांव दक्षिण भारत की सादगी और प्राकृतिक सौंदर्य का परिपूर्ण उदाहरण है।
