नई दिल्ली। मुंबई के पवई इलाके में एक भयावह बंधक संकट रविवार को शांत हुआ, लेकिन इसके पीछे की कहानी राष्ट्रीय स्तर पर चिंता पैदा कर रही है। 17 बच्चों समेत 19 लोगों को बंधक बनाने वाले रोहित आर्य की मुठभेड़ में मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि घायल आर्य को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां उसकी मौत हो गई। आर्य ने घटना से पहले एक वीडियो भी बनाया था, जिसमें उसने अपनी मांगें रखीं और धमकी दी कि यदि उनकी पूर्ति नहीं हुई तो वह सब कुछ आग के हवाले कर देगा।
रोहित आर्य कौन था?
सूत्रों के अनुसार, आर्य महाराष्ट्र के पुणे का रहने वाला था और मुंबई स्थित आरए स्टूडियो में कर्मचारी के तौर पर काम करता था। वह यूट्यूब चैनल भी चलाता था और बीते कुछ दिनों से कथित तौर पर ऑडिशन आयोजित कर रहा था, जिसमें कई लोग शामिल हो रहे थे। आर्य को शिक्षा विभाग से जुड़े एक टेंडर से भी जुड़ने का दावा था। 2023 में उसने ‘स्वच्छता मॉनिटर’ नामक एक कॉन्सेप्ट की शुरुआत की थी, लेकिन उसका कहना था कि उसे इसके लिए न तो श्रेय मिला और न ही भुगतान।
पुलिस का कहना है कि आर्य मानसिक रूप से अस्थिर था और इस मानसिक अस्थिरता ने उसे इस खतरनाक कदम की ओर धकेला।
किस तरह हुआ मुठभेड़ का सामना?
पुलिस को दोपहर करीब 2 बजे सूचना मिली कि एक व्यक्ति ने बच्चों को स्टूडियो में बंधक बना लिया है। आर्य के पास एक एयर गन थी, जो पास से अत्यधिक घातक हो सकती थी। पुलिस ने पिछले दरवाजे से अंदर प्रवेश किया और वॉशरूम तक की जगह सुरक्षित की। सूत्रों के अनुसार, आर्य ने एक बंधक को निशाना बनाने के लिए अपनी बंदूक भी साधी थी। इस पर एएसआई अमोल वाघमारे ने आर्य पर गोली चलाई। सीने पर लगी गोली के बाद वह गिर पड़ा और अस्पताल में दम तोड़ दिया।
वीडियो में क्या कहा?
घटना के समय आर्य ने एक वीडियो जारी किया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। उसने कहा, “मैं रोहित आर्य हूं। आत्महत्या करने के बजाय, मैंने एक योजना बनाई और कुछ बच्चों को बंधक बना लिया। मेरी मांगें बहुत ही साधारण और नैतिक हैं। मैं कुछ लोगों से बातचीत करना चाहता हूं और उनके जवाबों के आधार पर आगे निर्णय लूंगा। मैं कोई आतंकवादी नहीं हूं और मेरी पैसों की कोई मांग नहीं है। मैं केवल बातचीत करना चाहता हूं।”
आर्य ने यह भी कहा कि यदि कोई गलती हुई, तो वह पूरे स्टूडियो को आग लगाने के लिए मजबूर हो जाएगा और बच्चों को नुकसान पहुंच सकता है। हालांकि, उसने यह स्पष्ट नहीं किया कि किन विषयों पर बातचीत चाहता था।
सुरक्षा एजेंसियों की प्रतिक्रिया
इस घटना ने देश में सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस और खुफिया एजेंसियां अब इस बात की जांच में जुटी हैं कि आर्य ने किस प्रकार से स्टूडियो और बच्चों तक अपनी पहुंच बनाई और क्या इसके पीछे कोई अन्य योजना या मददगार था।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना दिखाती है कि मानसिक अस्थिरता और व्यक्तिगत विवाद कभी-कभी समाज के लिए अत्यधिक खतरनाक हो सकते हैं। इस तरह की घटनाओं से न केवल सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट रहने की जरूरत होती है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता को भी बढ़ावा देना आवश्यक है।
