नई दिल्ली। नेपाल में फिर से तनाव की आग भड़क उठी है और हालात इतने बिगड़ गए हैं कि कई क्षेत्रों में प्रशासन को कर्फ्यू लगाने तक का फैसला लेना पड़ा है। लगभग सत्तर दिन की शांति के बाद स्थिति एक बार फिर नियंत्रण से बाहर होती दिख रही है। आठ और नौ सितंबर को पुलिस कार्रवाई में इक्कीस युवाओं की मौत के बाद देश में माहौल लगातार तनावपूर्ण था और अब जेन जी आंदोलन ने इसे एक बार फिर उबाल पर ला दिया है। नेपाल के कई शहरों में युवा सड़क पर उतर आए हैं और इस तेज विरोध के कारण सामान्य जीवन एक बार फिर अव्यवस्थित हो गया है।
सबसे अधिक तनाव भारत की सीमा के पास स्थित बारा जिले के सेमरा इलाके में देखा गया जहां उन्नीस और बीस नवंबर को जेन जी समर्थकों और सीपीएन यूएमएल के कैडरों के बीच हिंसक झड़पें हुईं। स्थिति बिगड़ने पर प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से कर्फ्यू लागू कर दिया। स्थानीय अफसरों का कहना है कि यह कदम इसलिए उठाया गया ताकि माहौल को और खराब होने से रोका जा सके। जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार मिश्र ने बताया कि कर्फ्यू दोपहर एक बजे से रात आठ बजे तक प्रभावी रहेगा और इस दौरान किसी भी प्रकार की भीड़ या विरोध की अनुमति नहीं होगी।
तनाव तब बढ़ा जब यूएमएल के महासचिव शंकर पोखरेल और युवा नेता महेश बस्नेत एक एंटी गवर्नमेंट रैली को संबोधित करने सेमरा पहुंचे। दोनों नेता बुद्ध एयर की फ्लाइट से आए थे। उनकी आगमन के कुछ ही देर बाद यह खबर इलाके में फैल गई और देखते ही देखते सैकड़ों जेन जी युवा हवाई अड्डे के बाहर इकट्ठा हो गए। उन्होंने यूएमएल के खिलाफ जोरदार नारे लगाए और सरकार पर युवाओं की आवाज दबाने का आरोप लगाया। माहौल तेजी से तनावपूर्ण होता गया और दोनों गुटों के बीच टकराव शुरू हो गया। पथराव और मारपीट ने हिंसा का रूप ले लिया और हालात अचानक बेकाबू हो गए।
प्रशासन ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुए बुद्ध एयर की सभी घरेलू उड़ानें तुरंत रद्द कर दीं। बताया जा रहा है कि झड़पों के बाद यूएमएल नेता तय कार्यक्रम के अनुसार सेमरा में रुकने के बजाय सीधे काठमांडू लौट गए। जेन जी आंदोलन के प्रमुख नेता पुरुषोत्तम यादव ने हिंसा की कड़ी निंदा करते हुए इसे लोकतांत्रिक आवाज पर हमला बताया। उन्होंने कहा कि युवाओं पर हो रहा अत्याचार केवल व्यक्तिगत हमला नहीं है बल्कि यह पूरे लोकतांत्रिक ढांचे पर चोट है। उनका कहना है कि केपी शर्मा ओली द्वारा हाल में की गई टिप्पणियों और आज की हिंसा के बीच संबंध को नकारा नहीं जा सकता और यह घटना उन टिप्पणियों का प्रत्यक्ष प्रभाव है।
पुरुषोत्तम यादव ने आगे कहा कि जेन जी आंदोलन शांति और सकारात्मक बदलाव का संदेश लेकर आगे बढ़ रहा है और ऐसे समय में युवाओं पर इस तरह की कार्रवाई अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर युवाओं की आवाज को रोकने या उन्हें डराने की कोशिश की जाएगी तो इसका असर पूरे देश पर पड़ेगा क्योंकि लोकतंत्र में विचारों की आजादी सबसे बड़ा आधार है। उन्होंने कहा कि हर युवा अपने अधिकारों और सम्मान के लिए संघर्ष कर रहा है और इस लड़ाई को दबाने की कोई भी कोशिश देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ होगी।
उधर गृह मंत्रालय ने दावा किया है कि सेमरा में स्थिति धीरे धीरे नियंत्रण में लौट रही है। मंत्रालय ने बताया कि स्थानीय प्रशासन पूरे प्रयास कर रहा है कि क्षेत्र में शांति बहाल हो और आम नागरिक अपने दैनिक कार्य सामान्य रूप से कर सकें। प्रवक्ता रवींद्र आचार्य ने कहा कि मौजूदा सरकार पूरे देश में कानून व्यवस्था को मजबूत बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और यह सुनिश्चित करने के लिए भी कदम उठा रही है कि आगामी चुनाव समय पर और शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हों।
गृह मंत्रालय ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे धैर्य रखें और अपने कार्यक्रम शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित करें। मंत्रालय का कहना है कि बातचीत समन्वय और पारस्परिक सहयोग के बिना कानून व्यवस्था को स्थिर रखना संभव नहीं है। इसलिए सभी दलों को प्रशासन के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी प्रकार की उग्रता या हिंसा को बढ़ावा न मिले और देश में स्थिरता बनी रहे।
