नई दिल्ली । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ (शुल्क) फैसलों को लेकर उनकी ही पार्टी में असंतोष बढ़ गया है। अमेरिकी सीनेटरों ने इस फैसले के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया, जिसमें चार रिपब्लिकन सीनेटर भी शामिल थे। यह तीसरी बार है जब इस विषय पर मतदान हुआ।
प्रस्ताव को 51-47 मतों से पास किया गया। ट्रंप की पार्टी की तरफ से इस प्रस्ताव का समर्थन करने वाले सीनेटरों में अलास्का से लीसा मुर्कोस्की, मैन से सुजैन कॉलिन्स, और केंटकी से रैंड पॉल और मिच मैकॉनल शामिल थे। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम से ट्रंप की शुल्क नीति पर खास असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि इसे हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में भी पास करना आवश्यक है। वहां रिपब्लिकन नेता पहले ही इसके खिलाफ खड़े हो चुके हैं।
ट्रंप का दावा: टैरिफ ने भारत-पाकिस्तान युद्ध रोका
ट्रंप लगातार दावा कर रहे हैं कि टैरिफ की धमकी के कारण कई युद्धों को रोका जा सका। 20 अक्टूबर को उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच हुई गोलीबारी का हवाला देते हुए कहा कि इस संघर्ष में सात विमान गिराए गए, लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि ये विमान किस देश के थे।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “शुल्क लगाने की धमकी ने दो परमाणु शक्ति संपन्न देशों, भारत और पाकिस्तान को युद्ध रोकने के लिए मजबूर किया। वे युद्ध कर रहे थे। सात विमान मार गिराए गए; यह बहुत बड़ी बात है। दोनों के बीच परमाणु युद्ध हो सकता था।”
ट्रंप ने आगे बताया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान पर 200 प्रतिशत टैरिफ लगाने की चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा, “हम 200 प्रतिशत शुल्क लगाएंगे, जिससे आपके लिए सौदा करना असंभव हो जाएगा, और हम आपके साथ व्यापार नहीं करेंगे।” उनके अनुसार, इसी टैरिफ की धमकी ने दोनों देशों को युद्ध से रोकने में मदद की।
विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप के इस दावे में वास्तविकता और प्रचार दोनों का मिश्रण है, लेकिन इससे स्पष्ट है कि अमेरिकी राष्ट्रपति अपनी टैरिफ नीति को वैश्विक राजनीति में दबाव के एक उपकरण के रूप में पेश कर रहे हैं।
