ढाका। बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ इंटरनेशनल क्राइम्स कोर्ट (ICT) द्वारा 17 नवंबर को मानवता के विरुद्ध अपराध मामले में फैसला सुनाए जाने से ठीक पहले देश में राजनीतिक अस्थिरता और हिंसा चरम पर पहुँच गई है। राजधानी ढाका सहित पाँच जिलों में आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाओं के बाद सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था अभूतपूर्व रूप से कड़ी कर दी है।
राजधानी में 26 टुकड़ियों की तैनाती, हाईवे जाम
देश में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सरकार ने त्वरित कदम उठाए हैंसरकार ने बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश BGB की 12 अतिरिक्त टुकड़ियां ढाका में तैनात की हैं, जो पहले से तैनात 14 टुकड़ियों के अतिरिक्त हैं। अब राजधानी और आसपास के जिलों में BGB की कुल 26 टुकड़ियाँ गश्त कर रही हैं।ढाका के प्रमुख इलाकों में वाहनों में आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आई हैं।हसीना समर्थकों ने ढाका समेत पाँच जिलों में हाईवे जाम कर रखा है, जिससे आवागमन प्रभावित हुआ है।
हसीना समर्थकों की मांगें और आरोपों का खंडन
शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के कार्यकर्ताओं के तेवर तीखे हैं।उनकी मांग है कि पूर्व पीएम हसीना के खिलाफ सभी झूठे मामले वापस लिए जाएं और फरवरी में चुनाव की तारीख का ऐलान किया जाए। हसीना पर 2024 के छात्र आंदोलन में हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप है, जिसमें संयुक्त राष्ट्र के अनुसार 1,400 तक लोग मारे गए थे।
हसीना ने एक इंटरव्यू में इन आरोपों को झूठा तमाशा करार दिया। उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी सुरक्षा बलों को निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश नहीं दिया, हालांकि कोर्ट में जुलाई 2024 का एक लीक ऑडियो सबूत पेश किया गया था, जिसमें वह हिंसा रोकने के लिए हथियारों के इस्तेमाल की बात कर रही थीं।
यूनुस सरकार की चुनाव और जनमत संग्रह की योजना
अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस ने देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए फरवरी में चुनाव के साथ-साथ जनमत संग्रह कराने की घोषणा की है।जनमत संग्रह में जनता से जुलाई चार्टर संविधान सुधार प्रस्ताव को लागू करने के आदेश पर राय मांगी जाएगी, जिसमें चुनाव प्रक्रिया, सेना/न्यायपालिका की भूमिका, भ्रष्टाचार नीतियाँ और शेख हसीना पर लगे प्रतिबंधों जैसे 4 अहम मुद्दे तय करने की कोशिश हुई थी।
यूनुस ने राजनीतिक दलों की मांगों में संतुलन बनाने के लिए 100 सदस्यीय ऊपरी सदन का गठन प्रतिनिधित्व के आधार पर करने की घोषणा की है।कट्टरपंथी जमात ने जुमे की नमाज के बाद फरवरी में चुनाव और जनमत संग्रह एक साथ कराने का विरोध किया है।
पूर्व पीएम खालिदा जिया की पार्टी बीएनपी ने यूनुस सरकार पर महिला सुरक्षा के मुद्दे पर कोताही बरतने का आरोप लगाते हुए बड़ी रैली की।यह स्थिति दिखाती है कि 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना का तख्तापलट होने और उनके देश छोड़कर भारत में शरण लेने के बाद भी बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता और संघर्ष जारी है।
