नई दिल्ली। अमेरिका और चीन के बीच हाल ही में हुई महत्वपूर्ण बातचीत के बाद एक ऐतिहासिक फैसला सामने आया है। अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई के डायरेक्टर काश पटेल ने बताया कि चीन ने फेंटानिल नामक घातक ड्रग बनाने में उपयोग होने वाले 13 रासायनिक तत्वों को अब आधिकारिक रूप से प्रतिबंधित सूची में शामिल कर दिया है। इसके साथ ही चीन ने उन 7 रासायनिक कारखानों पर भी नियंत्रण लगा दिया है जो अब तक इस ड्रग के उत्पादन में शामिल थे। यह कदम अमेरिका के लिए सुरक्षा की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
हजारों अमेरिकियों की जान बचेगी
काश पटेल ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों को बताया कि चीन ने पूरी तरह से कदम उठाया है और फेंटानिल बनाने वाले सभी 13 केमिकल्स को सूचीबद्ध कर दिया गया है। इसके अलावा 7 कंपनियों को नियंत्रण में लिया गया है। पटेल ने कहा कि इस फैसले के बाद फेंटानिल की जो आपूर्ति चीन से मेक्सिको और अन्य देशों तक जाती थी वह अब बंद हो गई है। उन्होंने कहा कि यह कदम हजारों अमेरिकियों की जान बचाएगा क्योंकि फेंटानिल अमेरिका में ओवरडोज से होने वाली मौतों का प्रमुख कारण बन चुका था। फेंटानिल अमेरिका में ओवरडोज से होने वाली मौतों में सबसे बड़ा योगदान देने वाले ड्रग्स में शामिल है। यह सिंथेटिक ड्रग मॉर्फिन की तुलना में लगभग 50 गुना ज्यादा शक्तिशाली है। विशेषज्ञों के अनुसार इसकी थोड़ी मात्रा भी जानलेवा हो सकती है। अगर चीन अपने प्रतिबद्ध वादे पर कायम रहता है तो यह कदम फेंटानिल तस्करी पर बड़ा प्रहार साबित होगा विशेषकर उन मेक्सिकन गिरोहों पर जो अमेरिका में इसकी सप्लाई करते हैं।
राष्ट्रपति ट्रंप की पहल को मिली सराहना
एफबीआई डायरेक्टर काश पटेल ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि का श्रेय अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दिया। उन्होंने कहा कि यह सफलता ट्रंप की मजबूत नेतृत्व क्षमता के बिना संभव नहीं थी। ट्रंप ने अमेरिकी जनता की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी और यह किसी भी राष्ट्रपति का पहला ऐसा कदम था जिससे फेंटानिल संकट पर काबू पाया जा सके। पटेल ने ट्रंप प्रशासन अमेरिकी न्याय विभाग एफबीआई टीम और चीन में अमेरिकी राजदूत परड्यू की सराहना की जिन्होंने जमीन पर काम कर समझौता संभव बनाया। हाल ही में राष्ट्रपति ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई मुलाकात के बाद यह घोषणा आई। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ पर लिखा कि चीन ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह अमेरिका में फेंटानिल के प्रवाह को रोकने के लिए सहयोग करेगा और फेंटानिल संकट को खत्म करने में मदद करेगा।
फेंटानिल का खतरा और वैश्विक प्रभाव
फेंटानिल एक कृत्रिम सिंथेटिक ड्रग है और इसकी ताकत मॉर्फिन से लगभग 50 गुना अधिक होती है। यह बेहद छोटी मात्रा में भी जानलेवा हो सकती है। अमेरिका में हर साल लाखों लोग फेंटानिल ओवरडोज के कारण अपनी जान गंवाते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि चीन के इस प्रतिबंध से फेंटानिल तस्करी और वितरण पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा। यह वैश्विक स्तर पर ड्रग नियंत्रण और अमेरिकी सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस निर्णय से अमेरिका में फेंटानिल से होने वाली मौतों को कम करने की उम्मीद जताई जा रही है और इसे ट्रंप प्रशासन की सबसे बड़ी कूटनीतिक उपलब्धियों में से एक माना जा रहा है। चीन का यह कदम वैश्विक स्तर पर ड्रग तस्करी के खिलाफ लड़ाई में भी महत्वपूर्ण साबित होगा।
