नई दिल्ली । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपने विवादित बयानों से सुर्खियां बटोर दी हैं। इससे पहले भी ट्रंप ने भारत-अमेरिका रिश्तों में कई नायाब दावे किए थे, जैसे पहलगाम हमले को रोकने का श्रेय खुद को देना। अब यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के प्रयासों के बीच उन्होंने भारत को लेकर एक बड़ा और चौकाने वाला दावा किया है, जिसने सभी की नजरें उनकी ओर मोड़ दी हैं।
ट्रंप ने कहा है कि भारत ने रूस से तेल की खरीद बंद करने पर सहमति जताई है और साल के अंत तक इसका आयात लगभग बंद कर देगा। उन्होंने यह भी बताया कि यह प्रक्रिया समय लेगी, लेकिन वे चीन को भी इस दिशा में राजी करने की कोशिश करेंगे। व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान ट्रंप ने कहा, “भारत ने हमें बताया है कि वे रूसी तेल की खरीद बंद करने की प्रक्रिया में हैं। यह अचानक नहीं हो सकता, लेकिन साल के अंत तक वे इसे लगभग बंद कर देंगे, यानी करीब 40 प्रतिशत तक कमी आएगी।”
अमेरिका का मानना है कि नई दिल्ली की तरफ से मॉस्को से क्रूड ऑयल की खरीद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को युद्ध के लिए आर्थिक सहायता देने के बराबर है। इसलिए अमेरिका भारत पर दबाव बना रहा है कि वह इस खरीद को बंद करे ताकि रूस की युद्ध वित्तीय सहायता कम हो सके।
हालांकि, हाल के दिनों में अमेरिका ने भारतीय सामानों पर 50 प्रतिशत तक टैरिफ लगाया है, जिसमें 25 प्रतिशत बेसिक टैरिफ और रूस से तेल खरीदने के लिए 25 प्रतिशत अतिरिक्त जुर्माना शामिल है। भारत ने इस कदम को अनुचित और अव्यवहारिक करार दिया है, जिससे दोनों देशों के बीच रिश्तों में तनाव बढ़ा है।
ट्रंप ने बताया कि वे शी जिनपिंग से जल्द मुलाकात करेंगे और रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के उपायों पर चर्चा करेंगे। उनका कहना था कि दोनों नेता मुख्य रूप से इस बात पर बात करेंगे कि युद्ध को कैसे खत्म किया जाए, चाहे वह तेल, ऊर्जा या किसी अन्य माध्यम से हो। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन और बराक ओबामा की नीतियों को दोषी ठहराते हुए कहा कि उन्हीं कारणों से चीन और रूस एक-दूसरे के करीब आए हैं।
ट्रंप ने अपनी व्यापार नीति का भी बचाव किया और कहा कि टैरिफ के कारण अमेरिका अब एक मजबूत देश बन चुका है। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने आठ युद्धों को रोका है, जिनमें से पांच या छह टैरिफ की वजह से रुके। साथ ही, उन्होंने दोहराया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य तनाव को भी रोकने में अहम भूमिका निभाई थी।
ट्रंप की ये बातें राजनीतिक, आर्थिक और कूटनीतिक मायनों में नई चुनौतियों और चर्चाओं को जन्म दे रही हैं, जिससे भारत-अमेरिका संबंधों की दिशा पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
