नई दिल्ली। अमेरिका ने ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन कार्यक्रम से जुड़े नेटवर्क पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 7 देशों की 32 कंपनियों और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाया है। इसमें भारत, चीन, हांगकांग, संयुक्त अरब अमीरात, तुर्किये और ईरान की संस्थाएं शामिल हैं। अमेरिकी विदेश विभाग के अनुसार, ये संस्थान और व्यक्ति ईरान के मिसाइल और यूएवी (UAV) निर्माण में सहयोग देने वाले अंतरराष्ट्रीय आपूर्ति नेटवर्क का हिस्सा हैं।
इस कार्रवाई का मकसद ईरान की परमाणु प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन रोकना और संयुक्त राष्ट्र द्वारा लगाए गए पुनः प्रतिबंधों का समर्थन करना है। भारत की फार्मलेन प्राइवेट लिमिटेड इस सूची में शामिल है। उस पर आरोप है कि उसने यूएई की एक कंपनी के साथ मिलकर सोडियम क्लोरेट और सोडियम परक्लोरेट जैसी सामग्रियों की आपूर्ति में मदद की।
अमेरिकी उप वित्त मंत्री जॉन के हर्ले ने कहा कि ईरान वैश्विक वित्तीय प्रणाली का दुरुपयोग कर हथियार निर्माण के लिए जरूरी सामग्री और धन जुटा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के निर्देश पर अमेरिका ईरान पर अधिकतम दबाव बना रहा है ताकि उसका परमाणु खतरा समाप्त किया जा सके।
अमेरिकी विदेश विभाग ने यह स्पष्ट किया कि तीसरे देशों में स्थित संस्थाओं पर भी कार्रवाई जारी रहेगी, जो किसी भी रूप में ईरान के मिसाइल या ड्रोन कार्यक्रम को सहयोग दे रही हैं। उनका कहना है कि यह कदम क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा बनाए रखने के लिए जरूरी है।
