नई दिल्ली । अमेरिका ने रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। यह कदम यूक्रेन युद्ध को रोकने के लिए मॉस्को पर दबाव बढ़ाने के मकसद से उठाया गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि पुतिन से उनकी वार्ताएं सफल नहीं रहीं और अब युद्ध को खत्म करने का वक्त आ गया है।
अमेरिकी ट्रेज़री सचिव स्कॉट बेसेंट ने कहा कि निर्दोष लोगों की हत्या रोकने और तत्काल युद्धविराम का समय है। पुतिन के इस युद्ध को खत्म करने से इनकार के चलते अमेरिका ने रूस की ये बड़ी तेल कंपनियां लक्षित की हैं, जो क्रेमलिन की युद्ध मशीन को वित्तीय मदद देती हैं। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो अमेरिका और भी कड़े कदम उठा सकता है और अन्य देशों से भी इस प्रतिबंध में शामिल होने को कहा है।
ट्रंप ने कहा कि ये प्रतिबंध बहुत बड़े हैं, लेकिन उम्मीद है कि ये ज्यादा लंबे समय तक नहीं रहेंगे क्योंकि अमेरिका चाहता है कि युद्ध जल्द खत्म हो। उन्होंने यह भी कहा कि वे पुतिन से बातचीत करते हैं लेकिन नतीजा नहीं निकलता।
अमेरिकी वित्त विभाग के मुताबिक, इन प्रतिबंधों का मकसद रूस की ऊर्जा क्षेत्र पर आर्थिक दबाव बढ़ाकर उसकी युद्ध चलाने की क्षमता को कमजोर करना है। विभाग ने कहा कि रूस की शांति प्रक्रिया में गंभीरता न दिखाने के कारण ये कदम जरूरी हो गया है। इसके जरिए अमेरिका चाहता है कि रूस युद्ध समाप्त करने के लिए वार्ता की दिशा में आए, क्योंकि स्थायी शांति तभी संभव है जब रूस बातचीत के लिए तैयार हो।
