नई दिल्ली । सर्दियों की दस्तक के साथ दिल्ली-एनसीआर की हवा फिर से जहरीली हो चुकी है। सोमवार सुबह तक राजधानी के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘गंभीर’ (Severe) श्रेणी में दर्ज किया गया। आनंद विहार में AQI 379, बवाना में 412, नेहरू नगर में 386 और जहांगीर पुरी में 394 दर्ज हुआ, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक संकेत हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं। हालांकि, फिलहाल GRAP-3 (Graded Response Action Plan – Stage 3) लागू नहीं हुआ है, लेकिन अगर AQI 401 से ऊपर बना रहा, तो राजधानी में सख्त प्रतिबंध लागू होने के संकेत हैं।
GRAP-3 क्या है और क्यों लागू किया जाता है?
GRAP यानी Graded Response Action Plan एक चरणबद्ध योजना है, जो वायु प्रदूषण के स्तर के अनुसार लागू की जाती है।
तीसरा चरण (GRAP-3) तब लागू होता है जब AQI 401-450 के बीच पहुंचता है।
इस स्तर पर हवा का प्रदूषण इतना बढ़ जाता है कि सांस की बीमारियां, आंखों में जलन और बच्चों-बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर तत्काल असर पड़ने लगता है।
GRAP-3 लागू होने पर संभावित प्रतिबंध क्षेत्र
GRAP-3 लागू होने पर कई क्षेत्रों में कड़े प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। स्कूल और शिक्षण संस्थानों में प्राथमिक स्कूल बंद और सभी बाहरी गतिविधियों पर रोक लगाई जा सकती है। ऑफिसों और कंपनियों को वर्क फ्रॉम होम की सलाह दी जाएगी। गैर-जरूरी निर्माण और विध्वंस कार्य रोके जाएंगे, केवल जरूरी सरकारी परियोजनाओं को छूट मिलेगी।
परिवहन क्षेत्र में BS-III पेट्रोल और BS-IV डीजल वाहनों पर रोक, तथा भारी डीजल ट्रक और पुराने वाहन सड़कों से हटाए जाएंगे। उद्योगों में प्रदूषणकारी ईंधन वाले ईंट-भट्टे और छोटे उद्योग बंद होंगे, और निर्माण सामग्री एवं मलबे की ढुलाई पर भी प्रतिबंध लगेगा।
सोमवार सुबह दिल्ली का वायु गुणवत्ता हाल
इलाका AQI श्रेणी
बवाना 412 गंभीर
जहांगीर पुरी 394 बहुत खराब
बुराड़ी क्रॉसिंग 389 बहुत खराब
नेहरू नगर 386 बहुत खराब
चांदनी चौक 365 बहुत खराब
आनंद विहार 379 बहुत खराब
अशोक विहार 373 बहुत खराब
सीएम की अपील: कारपूलिंग करें, घर से काम करें
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने नागरिकों से अपील की है कि वे कारपूलिंग, पब्लिक ट्रांसपोर्ट और इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल करें। उन्होंने निजी कंपनियों से आग्रह किया है कि वर्क फ्रॉम होम नीति लागू करें ताकि सड़कों पर वाहनों की संख्या कम हो और प्रदूषण घटे।
जनता में आक्रोश: हेल्थ इमरजेंसी की मांग
बढ़ते प्रदूषण के खिलाफ रविवार को इंडिया गेट पर सैकड़ों लोग एकत्र हुए। प्रदर्शनकारियों ने सरकार से तत्काल हेल्थ इमरजेंसी घोषित करने की मांग की। उनका कहना था कि राजधानी की हवा बच्चों और बुजुर्गों के जीवन के लिए सीधा खतरा बन चुकी है।
विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
विशेषज्ञों का कहना है कि वाहनों की संख्या, निर्माण धूल और पराली जलाने जैसी गतिविधियों पर सख्त नियंत्रण नहीं किया गया, तो हर सर्दी में यही हाल रहेगा। फिलहाल नागरिकों को मास्क पहनने, एयर प्यूरिफायर इस्तेमाल करने और धूल फैलाने वाली गतिविधियों से बचने की सलाह दी गई है।
दिल्ली की हवा फिर से सांस लेने लायक नहीं रह गई है। अगर हालात जल्द नहीं सुधरे, तो GRAP-3 लागू होकर स्कूल बंद, वर्क फ्रॉम होम और वाहनों पर रोक जैसी सख्त कार्रवाई हो सकती है। अब समय है कि सरकार, उद्योग और आम जनता मिलकर प्रदूषण के खिलाफ ठोस कदम उठाएं, वरना राजधानी एक
