इंदौर। मध्य प्रदेश सरकार ने निचली अदालतों से रिटायर हुए न्यायाधीशों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने मेडिकल और घरेलू भत्तों को जारी रखने के लिए हर साल लाइफ सर्टिफिकेट जमा कराने की अनिवार्यता वाले विवादित परिपत्र को वापस ले लिया है।राज्य सरकार द्वारा इस जानकारी को उच्च न्यायालय में प्रस्तुत किए जाने के बाद, चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने इस आदेश को चुनौती देने वाली दो याचिकाओं का निपटारा कर दिया।
क्या था विवादित आदेश?
13 दिसंबर 2024इस आदेश के कारण रिटायर्ड जजों को हर वर्ष नवंबर के महीने में अपने रिटायरमेंट वाले जिले में जाकर लाइफ सर्टिफिकेट जमा करना अनिवार्य हो गया था।फॉर्मर जज वेलफेयर एसोसिएशन इंदौर के महासचिव गुलाब शर्मा और जेपी राव ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया था कि यह नियम अव्यवहारिक है, क्योंकि अधिकांश रिटायर्ड जज दूसरे राज्यों या विदेशों में रहते हैं।
हाईकोर्ट में सरकार का रुख
सुनवाई के दौरान, राज्य सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता अनुभव जैन ने कोर्ट को बताया कि 13 दिसंबर 2024 को जारी परिपत्र को पूर्ण रूप से वापस ले लिया गया है।इस बयान के आधार पर उच्च न्यायालय ने दोनों याचिकाओं का निराकरण कर दिया। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संजय राम ताम्रकार अधिवक्ता अविनाश कुमार और सतीश कुमार श्रीवास्तव ने पक्ष रखा था।मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए लाइफ सर्टिफिकेट जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के संबंध में एक मानक प्रक्रिया लागू है जो केंद्र सरकार के नियमों के अनुरूप है, लेकिन इसमें कुछ राज्य-विशिष्ट सुविधाएँ भी हैं।सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के मामले में विशिष्ट नियम वापस लिए गए हैं लेकिन सामान्य पेंशनभोगियों के लिए प्रक्रिया जारी है। बता दे कि मध्य प्रदेश में पेंशनभोगियों को हर साल नवंबर महीने में अपना लाइफ सर्टिफिकेट जमा करना अनिवार्य होता है ताकि उनकी पेंशन निर्बाध रूप से जारी रह सके।
– जमा करने की अवधि
हर साल 1 नवंबर से 30 नवंबर के बीच लाइफ सर्टिफिकेट जमा करना अनिवार्य होता है।जमा किया गया प्रमाण पत्र अगले एक साल तक, यानी अगले नवंबर तक वैध रहता है।
– लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने के तरीके
मध्य प्रदेश में पेंशनभोगी अपना लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने के लिए कई डिजिटल और भौतिक विकल्पों का उपयोग कर सकते हैं।
डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट यह सबसे पसंदीदा तरीका है। पेंशनभोगी जीवन प्रमाण पोर्टल या मोबाइल ऐप के माध्यम से बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण आधार-आधारित का उपयोग करके डिजिटल रूप से प्रमाण पत्र जमा कर सकते हैं।बैंक शाखाएँ पेंशनभोगियों के बैंक की शाखाएँ जहाँ उनका पेंशन खाता है वहाँ भौतिक रूप से जाकर या बैंक के डिजिटल कियोस्क का उपयोग करके प्रमाण पत्र जमा किया जा सकता है।जन सेवा केंद्र (CSC) राज्य भर में फैले कॉमन सर्विस सेंटर्स (CSC) पर जाकर भी डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट जमा किया जा सकता है।पोस्ट ऑफिस/डाकिया सेवा डाक विभाग की डाकिया सेवा के माध्यम से भी डाकिया घर आकर डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट बनाने में मदद करता है।ट्रेजरी ऑफिस जिला या उप-ट्रेजरी कार्यालयों में जाकर भी लाइफ सर्टिफिकेट जमा किया जा सकता है।
-नए नियम और सुविधाएं
80 वर्ष या उससे अधिक आयु के अति वरिष्ठ पेंशनभोगियों को अक्सर 1 अक्टूबर से ही लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने की अनुमति मिल जाती है ताकि उन्हें भीड़ से बचाया जा सके। मध्य प्रदेश सरकार लगातार प्रक्रियाओं को डिजिटल और सरल बनाने पर जोर देती रही है, ताकि ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों के पेंशनभोगियों को आसानी हो। यह सुनिश्चित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है कि प्रमाण पत्र में सभी जानकारी सही हो और जमा करने की अंतिम तिथि से पहले यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाए।
