मध्य प्रदेश । मध्य प्रदेश के परिवहन विभाग ने हाल ही में 15 साल या उससे अधिक उम्र की बसों के संचालन को पूरी तरह बंद करने का आदेश जारी किया है। विभाग ने साफ किया है कि ऐसी सभी पुरानी बसें यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरनाक मानी जाएंगी और इनका संचालन तुरंत रोका जाएगा। परिवहन मुख्यालय को निर्देश दिए गए हैं कि यदि किसी क्षेत्र में ऐसी बसें चल रही हों तो उनकी तुरंत जांच की जाए और आवश्यक कार्रवाई की जाए।
राज्य में कुल 899 बसें 15 साल से पुरानी हैं। इनमें सबसे ज्यादा जबलपुर आरटीओ में 215 बसें पाई गई हैं इसके बाद सागर में 209 और इंदौर में 156 बसें हैं। ग्वालियर भोपाल रीवा और उज्जैन में भी पुरानी बसों का संचालन हो रहा है हालांकि रीवा में सबसे कम बसें हैं। इन बसों की सूची में वाहन संख्या रूट और स्वामियों के नाम समेत अन्य विवरण दर्ज हैं।
परिवहन सचिव मनीष सिंह ने बताया कि इन बसों के परमिट अभी वैध हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे सुरक्षित हैं। इसके चलते आशंका है कि कई बसें फील्ड में अवैध रूप से चल रही होंगी जो यात्री सुरक्षा के लिहाज से खतरे का कारण बन सकती हैं। सचिव ने कहा कि ऐसी बसों की तुरंत जांच कर उनके संचालन को रोका जाए और यदि कोई बस नियमों का उल्लंघन कर रही है तो उसके संचालक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।इंदौर आरटीओ ने भी तैयारी शुरू कर दी है। प्रदीप शर्मा ने बताया कि आरटीओ ने 15 साल से पुरानी सभी बसों की सूची तैयार कर ली है और उनके खिलाफ नोटिस जारी कर परमिट निरस्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही सभी बसों का निरीक्षण किया जाएगा और यदि कोई बस अवैध रूप से संचालन कर रही है तो तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
इसके अलावा परिवहन विभाग ने कुछ अन्य नियम भी कड़ाई से लागू करने के निर्देश दिए हैं। अब हर बस में विंड स्क्रीन पर बीमा परमिट और फिटनेस की वैधता की तारीख लिखना अनिवार्य होगा। कई बार देखा गया है कि पुरानी बसों में यह जानकारी लिखी नहीं होती या फिर अपडेट नहीं की जाती। इस नियम के पालन से यात्रियों को बस की वैधता और सुरक्षा की जानकारी मिल सकेगी।
यात्रियों के अनुभव को सुधारने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं। कई बार शिकायतें आई हैं कि कुछ बसों में चालक और कंडक्टर यात्रियों के साथ खराब व्यवहार कर रहे हैं। परिवहन विभाग अब यात्रियों से फीडबैक ले रहा है और इस पर गंभीरता से ध्यान दे रहा है। यात्रियों की शिकायतों के आधार पर चालकों और बस संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी ताकि सार्वजनिक परिवहन सुरक्षित और सुविधाजनक बन सके।
15 साल से अधिक पुरानी बसों का संचालन बंद करने का यह कदम राज्य में सार्वजनिक परिवहन की गुणवत्ता बढ़ाने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पुराने वाहनों में तकनीकी खराबियां और मेंटेनेंस की कमी यात्रियों के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती है। विभाग का मानना है कि नए और सुरक्षित बसों के माध्यम से ही यात्री सुरक्षित और आरामदायक यात्रा कर सकते हैं।
प्रदेश में अब परिवहन विभाग की निगरानी बढ़ गई है और सभी आरटीओ को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने क्षेत्रों में सभी पुरानी बसों की स्थिति की पूरी जानकारी दें। साथ ही नए नियमों और सुरक्षा निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए नियमित निरीक्षण किया जाएगा।
इस कदम से यह भी संदेश जाता है कि सरकारी विभाग यात्रियों की सुरक्षा और परिवहन की गुणवत्ता को प्राथमिकता दे रहे हैं और पुराने वाहनों को समय पर बदलकर सुरक्षा मानकों को बनाए रखना जरूरी है। यात्रियों के लिए यह राहत की बात है कि अब उन्हें सुरक्षा और सुविधा दोनों का भरोसा मिलेगा।
