नई दिल्ली –मध्य प्रदेश इन दिनों कड़ाके की ठंड की चपेट में है। शनिवार-रविवार की दरमियानी रात में कई शहरों का पारा सीज़न के न्यूनतम स्तर पर जा पहुंचा। राजधानी भोपाल और इंडस्ट्री हब इंदौर में तापमान 6.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस सीजन की सबसे ठंडी रातों में से एक रही। जबलपुर में 8.5 डिग्री उज्जैन में 10.5 डिग्री और ग्वालियर में 10.1 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया। मौसम विभाग ने अगले दो दिन के लिए प्रदेश के कई जिलों में शीतलहर का अलर्ट जारी किया है।कड़ाके की सर्दी के बावजूद प्रदेश के कई जिलों में स्कूलों की टाइमिंग में कोई बदलाव नहीं किया गया है। ऐसे में नन्हें बच्चे सुबह-सुबह ठिठुरते हुए स्कूल जाने को मजबूर हैं। सुबह 7 बजे से पहले ही स्कूल वैन और बसें घर-घर बच्चों को लेने पहुंच जाती हैं, जिससे अभिभावकों की चिंता और बढ़ गई है।
कुछ जिलों ने बदला समय कुछ में इंतजार
सर्दी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए ग्वालियर में 1 नवंबर से कई स्कूलों ने क्लासेस का समय बदल दिया है। अब यहां सुबह 8 बजे के बाद ही पढ़ाई शुरू हो रही है। वहीं छिंदवाड़ा जिला शिक्षा अधिकारी ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि जिले में सुबह 8:30 बजे से पहले कोई भी स्कूल नहीं लगेगा। देवास में कलेक्टर ऋतुराज सिंह ने गिरते तापमान को देखते हुए बड़ा फैसला लिया है। अब नर्सरी से 12वीं तक के सभी स्कूल सुबह 10 बजे के बाद ही खुलेंगे। यह फैसला अभिभावकों द्वारा लंबे समय से की जा रही मांग के बाद लागू किया गया है। झाबुआ में कलेक्टर नेहा मीना ने आदेश दिए हैं कि नर्सरी से तीसरी तक की कक्षाएं सुबह 9 बजे से पहले नहीं लगेंगी जबकि चौथी से 12वीं तक की क्लासेस सुबह 8 बजे के बाद ही शुरू होंगी।
भोपाल-इंदौर में बच्चों को राहत का इंतजार
राजधानी भोपाल में ज्यादातर स्कूल अभी भी सुबह 7:30 बजे ही लग रहे हैं। कई स्कूलों की दूरी अधिक होने के कारण सुबह 6:30 बजे से ही वैन और बसें बच्चों को लेने पहुंच जाती हैं, जिससे छोटे बच्चों को सबसे अधिक परेशानी हो रही है। इस पर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने कहा है कि जिला
शिक्षा अधिकारी से चर्चा कर स्कूल टाइमिंग बढ़ाने पर निर्णय लिया जाएगा और जल्द आदेश जारी किए जाएंगे। उज्जैन में भी हालात समान हैं। शिक्षा विभाग के एडीपीसी गिरीश तिवारी ने स्पष्ट किया कि ठंड बढ़ने के बावजूद अभी सुबह के स्कूलों की टाइमिंग में बदलाव को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। इससे अभिभावकों और छात्रों में नाराजगी देखी जा रही है क्योंकि यहां तापमान काफी नीचे आने लगा है।
सड़कें खाली कोहरा बढ़ा
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार उत्तरी हवाएं लगातार राज्य की ओर बढ़ रही हैं, जिससे तापमान और गिर सकता है। कई जिलों में सुबह के समय धुंध और कोहरे की स्थिति बनने लगी है। ऐसे में बच्चों का सुबह जल्दी घर से निकलना स्वास्थ्य के लिए खतरा हो सकता है। चिकित्सकों ने अभिभावकों को सलाह दी है कि वे बच्चों को पर्याप्त गर्म कपड़े पहनाकर ही स्कूल भेजें और यदि संभव हो तो स्कूल प्रबंधन से समय परिवर्तन को लेकर आग्रह करें।
अभिभावकों की मांग पूरे प्रदेश में लागू हों एक समान नियम
तेजी से गिरते तापमान के बीच अभिभावक लगातार मांग कर रहे हैं कि प्रदेशभर में एक समान मानक तय किए जाएं और तापमान 10 डिग्री से नीचे होने पर सुबह के स्कूलों की टाइमिंग स्वत बदल दी जाए। कई जिलों में आदेश जारी होने से राहत दिख रही है जबकि भोपाल, इंदौर और उज्जैन जैसे बड़े शहरों में अभी भी स्कूलों का पुराना शेड्यूल बच्चों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है। प्रदेश में सर्दी अभी और बढ़ने की संभावना है, ऐसे में आने वाले दिनों में स्कूल टाइमिंग को लेकर और भी जिलों में फैसले लिए जा सकते हैं।
